आर्म्स डीलर संजय भंडारी और वाड्रा के बीच क्या है रिश्ता, बीजेपी ने राफेल डील में कांग्रेस को भी लपेटा…  

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर देश में राजनीति काफी तीखी होती जा रही है. कांग्रेस जहां इसे लेकर पीएम मोदी को भ्रष्ट बताने तक उतर आई है, वहीं अब बीजेपी ने इसमें कांग्रेस को भी लपेटते हुए डील को सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जोड़ दिया है.

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान वाड्रा के दबाव में ही राफेल से डील नहीं हो पाई थी. बीजेपी का आरोप है कि वाड्रा के आर्म्स डीलर संजय भंडारी से करीबी रिश्ते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है राफेल, रॉबर्ट वाड्रा और आर्म्स डीलर संजय भंडारी का पूरा मामला.

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर देश में राजनीति काफी तीखी होती जा रही है. कांग्रेस जहां इसे लेकर पीएम मोदी को भ्रष्ट बताने तक उतर आई है, वहीं अब बीजेपी ने इसमें कांग्रेस को भी लपेटते हुए डील को सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जोड़ दिया है.  बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान वाड्रा के दबाव में ही राफेल से डील नहीं हो पाई थी. बीजेपी का आरोप है कि वाड्रा के आर्म्स डीलर संजय भंडारी से करीबी रिश्ते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है राफेल, रॉबर्ट वाड्रा और आर्म्स डीलर संजय भंडारी का पूरा मामला...  सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, 'कांग्रेस इस वजह से राफेल सौदे को रद्द कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, क्योंकि वह राफेल की निर्माता कंपनी दसॉ से बदला लेना चाहती है, जिसने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के साथ काम करने से इंकार कर दिया था.'  उन्होंने आरोप लगाया कि वाड्रा के दबाव में गांधी परिवार ने साल 2008 में दसॉ के सामने शर्त रखी थी कि वह ऑफसेट इंडिया सोल्युशन के साथ काम करे, जो कि वाड्रा की कंपनी है. शेखावत ने कहा कि भंडारी रक्षा साजोसामान की आपूर्ति करने वाला एक बिचौलिया है और उसे कई डिफेंस एक्सपो में वाड्रा के साथ देखा गया था.  गौरतलब है कि भंडारी पर फेमा कानून के उल्लंघन के एक मामला दर्ज है और वह देश से फरार हो चुका है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि भंडारी ने वाड्रा के लिए कई बार एयर टिकट बुक कराया है और उनके लंदन स्थ‍ित मकान के लिए इंटीरियर डेकोरेशन पर पैसे खर्च किए हैं.  किसकी है कंपनी  इंडिया टुडे की 2016 की एक खबर के अनुसार, साल 2011 में आई आईबी की की एक रिपोर्ट से यह पता चला था कि आर्म्स डीलर संजय भंडारी, रॉबर्ट वाड्रा सहित कई नेताओं के साथ नियमित संपर्क में था. इंडिया टुडे-आजतक को यह रिपोर्ट देखने में सफलता हासिल हुई थी. इसके मुताबिक भंडारी का नाम भारतीय वायु सेना के लिए बेसिक जेट ट्रेनर्स (BTA) खरीद के लिए हुए एक डील में सामने आया था. संजय भंडारी ने ही 'ऑफसेट इंडिया सॉल्युशंस' (OIS) की स्थापना की थी ताकि बड़े रक्षा सौदों का लाभ उठाया जा सके. हालांकि आईबी की रिपोर्ट कहती है कि ओआईएस भंडारी के लिए एक मुखौटा कंपनी जैसे ही थी.  क्या है वाड्रा-भंडारी का रिश्ता  कभी लग्जरी कार आयात करने वाला संजय भंडारी बाद में रक्षा सौदों का एक बड़ा बिचौलिया बन चुका था और विदेशी कंपनियों के लिए लॉबिइंग करता था. आईबी ने भंडारी के एक फोन नंबर की छह महीने तक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) हासिल की तो पता चला कि वह वाड्रा सहित कई प्रभावशाली लोगों के नियमित संपर्क में था.  आईबी के अनुसार भंडारी के मोबाइल फोन से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ब्लू ब्रिज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्टर्ड नंबर पर कई बार कॉल की गई. आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक यह नंबर पहले वाड्रा ही इस्तेमाल करते थे.  कांग्रेस के अन्य नेताओं से थे रिश्ते!  रिपोर्ट के अनुसार, संजय भंडारी यूपीए सरकार में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल सहित कई अन्य कांग्रेसी नेताओं के भी संपर्क में था. भंडारी श्रीप्रकाश जायसवाल और कांग्रेस नेता एसपीवाई रेड्डी से फोन पर कई बात बात कर चुका था.  इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक, भंडारी रायबरेली स्थ‍ित इंदिरा गांधी सिविल एविएशन एकेडमी के डायरेक्टर से कई बार बात कर चुका था.

सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘कांग्रेस इस वजह से राफेल सौदे को रद्द कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, क्योंकि वह राफेल की निर्माता कंपनी दसॉ से बदला लेना चाहती है, जिसने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के साथ काम करने से इंकार कर दिया था.’

उन्होंने आरोप लगाया कि वाड्रा के दबाव में गांधी परिवार ने साल 2008 में दसॉ के सामने शर्त रखी थी कि वह ऑफसेट इंडिया सोल्युशन के साथ काम करे, जो कि वाड्रा की कंपनी है. शेखावत ने कहा कि भंडारी रक्षा साजोसामान की आपूर्ति करने वाला एक बिचौलिया है और उसे कई डिफेंस एक्सपो में वाड्रा के साथ देखा गया था.

गौरतलब है कि भंडारी पर फेमा कानून के उल्लंघन के एक मामला दर्ज है और वह देश से फरार हो चुका है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि भंडारी ने वाड्रा के लिए कई बार एयर टिकट बुक कराया है और उनके लंदन स्थ‍ित मकान के लिए इंटीरियर डेकोरेशन पर पैसे खर्च किए हैं.

किसकी है कंपनी

इंडिया टुडे की 2016 की एक खबर के अनुसार, साल 2011 में आई आईबी की की एक रिपोर्ट से यह पता चला था कि आर्म्स डीलर संजय भंडारी, रॉबर्ट वाड्रा सहित कई नेताओं के साथ नियमित संपर्क में था. इंडिया टुडे-आजतक को यह रिपोर्ट देखने में सफलता हासिल हुई थी. इसके मुताबिक भंडारी का नाम भारतीय वायु सेना के लिए बेसिक जेट ट्रेनर्स (BTA) खरीद के लिए हुए एक डील में सामने आया था. संजय भंडारी ने ही ‘ऑफसेट इंडिया सॉल्युशंस’ (OIS) की स्थापना की थी ताकि बड़े रक्षा सौदों का लाभ उठाया जा सके. हालांकि आईबी की रिपोर्ट कहती है कि ओआईएस भंडारी के लिए एक मुखौटा कंपनी जैसे ही थी.

क्या है वाड्रा-भंडारी का रिश्ता

कभी लग्जरी कार आयात करने वाला संजय भंडारी बाद में रक्षा सौदों का एक बड़ा बिचौलिया बन चुका था और विदेशी कंपनियों के लिए लॉबिइंग करता था. आईबी ने भंडारी के एक फोन नंबर की छह महीने तक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) हासिल की तो पता चला कि वह वाड्रा सहित कई प्रभावशाली लोगों के नियमित संपर्क में था.

आईबी के अनुसार भंडारी के मोबाइल फोन से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ब्लू ब्रिज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्टर्ड नंबर पर कई बार कॉल की गई. आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक यह नंबर पहले वाड्रा ही इस्तेमाल करते थे.

कांग्रेस के अन्य नेताओं से थे रिश्ते!

रिपोर्ट के अनुसार, संजय भंडारी यूपीए सरकार में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल सहित कई अन्य कांग्रेसी नेताओं के भी संपर्क में था. भंडारी श्रीप्रकाश जायसवाल और कांग्रेस नेता एसपीवाई रेड्डी से फोन पर कई बात बात कर चुका था.

इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक, भंडारी रायबरेली स्थ‍ित इंदिरा गांधी सिविल एविएशन एकेडमी के डायरेक्टर से कई बार बात कर चुका था.

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