दिल्ली में ऐसे 54 उपकरण लगाये जायेंगे जिससे दिल्ली कि हवा होगी साफ़ 

राजधानी दिल्ली में हर साल जाड़ों के दौरान होने वाले वाले वायु प्रदूषण से निबटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार ने खासतौर पर हवा साफ करने वाले उपकरण लगाए हैं, जो दिल्ली में 54 जगहों पर लगेंगी। इन्हें 15 अक्टूबर तक लगाया जाना है।
राजधानी दिल्ली में हर साल जाड़ों के दौरान होने वाले वाले वायु प्रदूषण से निबटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार ने खासतौर पर हवा साफ करने वाले उपकरण लगाए हैं, जो दिल्ली में 54 जगहों पर लगेंगी। इन्हें 15 अक्टूबर तक लगाया जाना है।   मंगलवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन गुप्ता ने वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने वाली डिवाइसेज का उदघाटन किया। वायु (विंड ऑग्मेंटेशन प्यूरिफाइंग यूनिट) नाम की ये डिवाइसेज 500 स्क्वायर मीटर का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त रखेंगी। इन डिवाइसेज को फिलहाल दिल्ली के व्यस्त चौराहों में से एक आईटीओ और मुकरबा चौक पर लगाया गया है।  मंत्रालय के मुताबिक वायु डिवाइसेज को सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) और नीरी (नेशनल इंनवायरनमेंटल रिसर्ट इंस्टीट्यूट) ने मिल कर विकसित किया है। जबकि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए धन मुहैया कराया।  केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन डिवाइसेज को स्वदेश में निर्मित किया गया है और इनकी क्षमता 500 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को साफ रखने की है। वहीं ये डिवाइसेज 10 घंटे में केवल आधी यूनिट बिजली ही खर्च करती हैं, जबकि इनकी मैंटिनेंस कॉस्ट केवल 1500 रुपए प्रति माह है।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इन डिवाइसेज का बड़ा वर्जन डेवलप करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो 10 हजार स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कर सकेंगी। साथ ही इन्हें बस शेल्टर में भी लगाया जा सकेगा।  ये डिवाइसेज हवा में मौजूद वायु प्रदूषकों और सक्रिय तत्वों को साफ करेंगी। इनमें पार्टिकुलेट मैटर और एक्टीवेटेड कार्बन यानी चारकोल और अल्ट्रा वायलेट लैंप्स भी लगे हैं, जो जहरीली गैसों जैसे कार्बन मोनोक्साइड को सोखेंगे।
मंगलवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन गुप्ता ने वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने वाली डिवाइसेज का उदघाटन किया। वायु (विंड ऑग्मेंटेशन प्यूरिफाइंग यूनिट) नाम की ये डिवाइसेज 500 स्क्वायर मीटर का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त रखेंगी। इन डिवाइसेज को फिलहाल दिल्ली के व्यस्त चौराहों में से एक आईटीओ और मुकरबा चौक पर लगाया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक वायु डिवाइसेज को सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) और नीरी (नेशनल इंनवायरनमेंटल रिसर्ट इंस्टीट्यूट) ने मिल कर विकसित किया है। जबकि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए धन मुहैया कराया।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन डिवाइसेज को स्वदेश में निर्मित किया गया है और इनकी क्षमता 500 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को साफ रखने की है। वहीं ये डिवाइसेज 10 घंटे में केवल आधी यूनिट बिजली ही खर्च करती हैं, जबकि इनकी मैंटिनेंस कॉस्ट केवल 1500 रुपए प्रति माह है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इन डिवाइसेज का बड़ा वर्जन डेवलप करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो 10 हजार स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कर सकेंगी। साथ ही इन्हें बस शेल्टर में भी लगाया जा सकेगा।

ये डिवाइसेज हवा में मौजूद वायु प्रदूषकों और सक्रिय तत्वों को साफ करेंगी। इनमें पार्टिकुलेट मैटर और एक्टीवेटेड कार्बन यानी चारकोल और अल्ट्रा वायलेट लैंप्स भी लगे हैं, जो जहरीली गैसों जैसे कार्बन मोनोक्साइड को सोखेंगे।

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