अमेरिकन यूनिवर्सिटीज को किया अरबों का दान, भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक दान में भी है सबसे आगे 

भारत में रहें या ना रहें भारतीय मूल के नागरिक विदेश में रह कर भी हर क्षेत्र में अपने काम का लोहा मनवाते हैं. जब दान देने की बात आई तो अमेरिका में बसे भारतीय वहां भी इस काम में सबसे आगे रहें . अमेरिकी भारतीयों ने 1.2 अरब डॉलर की राशि वहां के विश्वविद्यालयों के विकास के लिए दान किया है.

भारतीय अमेरिकी नागरिकों ने 2000 से 2018 के बीच अमेरिका के 37 विश्वविद्यालयों को 1.2 अरब डॉलर की राशि दान में दी है. गैर-लाभकारी संगठन इंडियास्पोरा के अनुसार इनमें से 68 दान राशि 10 लाख डॉलर से अधिक थी.

भारत में रहें या ना रहें भारतीय मूल के नागरिक विदेश में रह कर भी हर क्षेत्र में अपने काम का लोहा मनवाते हैं. जब दान देने की बात आई तो अमेरिका में बसे भारतीय वहां भी इस काम में सबसे आगे रहें . अमेरिकी भारतीयों ने 1.2 अरब डॉलर की राशि वहां के विश्वविद्यालयों के विकास के लिए दान किया है.  भारतीय अमेरिकी नागरिकों ने 2000 से 2018 के बीच अमेरिका के 37 विश्वविद्यालयों को 1.2 अरब डॉलर की राशि दान में दी है. गैर-लाभकारी संगठन इंडियास्पोरा के अनुसार इनमें से 68 दान राशि 10 लाख डॉलर से अधिक थी.    'भारतीय अमेरिकी नागरिकों की सफलता का पूरी दुनिया पर अर्थपूर्ण प्रभाव' का अध्ययन करने वाली संस्था इंडियास्पोरा ने पहली बार अपनी परियोजना ‘मॉनिटर ऑफ यूनिवर्सिटी गिविंग’ की रिपोर्ट जारी की है. इस संबंध में सिलिकॉन वैली में रहने वाले समाजसेवी और वेंचर कैपिटलिस्ट एम. आर. रंगास्वामी का कहना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय अमेरिकियों द्वारा किए गए दान की सूचना देने के लिए यह रिपोर्ट जारी की गयी है.  इंडियास्पोरा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रंगास्वामी का कहना है कि इसे जारी करने का एक ही मकसद है कि लोग यह जान सकें कि कैसे भारतीय अमेरिकी नागरिक अपने नए घर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र की मदद कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में भारतीय सबसे शिक्षित समुदाय हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लोगों ने 68 दान किए जिनकी राशि 10 लाख डॉलर या उससे ज्यादा थी. इनमें से कई लोगों ने एक से ज्यादा बार दान किया.  इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी संस्थानों के मुकाबले निजी शिक्षण संस्थानों को ज्यादा दान मिला है. अनुपात में देखें तो निजी शिक्षण संस्थानों को जहां पांच डॉलर की राशि मिली है वहीं सरकारी संस्थानों को महज दो डॉलर मिले. रिपोर्ट में कहा गया कि कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिलिस को सबसे ज्यादा दान मिला है. वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और बोस्टन यूनिवर्सिटी दूसरे स्थान पर रहे हैं.

‘भारतीय अमेरिकी नागरिकों की सफलता का पूरी दुनिया पर अर्थपूर्ण प्रभाव’ का अध्ययन करने वाली संस्था इंडियास्पोरा ने पहली बार अपनी परियोजना ‘मॉनिटर ऑफ यूनिवर्सिटी गिविंग’ की रिपोर्ट जारी की है. इस संबंध में सिलिकॉन वैली में रहने वाले समाजसेवी और वेंचर कैपिटलिस्ट एम. आर. रंगास्वामी का कहना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय अमेरिकियों द्वारा किए गए दान की सूचना देने के लिए यह रिपोर्ट जारी की गयी है.

इंडियास्पोरा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रंगास्वामी का कहना है कि इसे जारी करने का एक ही मकसद है कि लोग यह जान सकें कि कैसे भारतीय अमेरिकी नागरिक अपने नए घर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र की मदद कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में भारतीय सबसे शिक्षित समुदाय हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लोगों ने 68 दान किए जिनकी राशि 10 लाख डॉलर या उससे ज्यादा थी. इनमें से कई लोगों ने एक से ज्यादा बार दान किया.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी संस्थानों के मुकाबले निजी शिक्षण संस्थानों को ज्यादा दान मिला है. अनुपात में देखें तो निजी शिक्षण संस्थानों को जहां पांच डॉलर की राशि मिली है वहीं सरकारी संस्थानों को महज दो डॉलर मिले. रिपोर्ट में कहा गया कि कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिलिस को सबसे ज्यादा दान मिला है. वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और बोस्टन यूनिवर्सिटी दूसरे स्थान पर रहे हैं.

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