…तो शाह से गले मिलकर दूर हुई बाबा रामदेव की नाराजगी

पतंजलि योगपीठ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आचार्यकुलम के नए भवन के लोकार्पण को बाबा रामदेव की नाराजगी को दूर करने का प्रयास माना जा रहा है। हालांकि, कार्यक्रम पूरी तरह गैर राजनीतिक था, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक अपने अपने नजरिये से इस यात्रा के राजनीतिक कयास लगाने में जुटे रहे। 

पिछले कुछ समय से मोदी सरकार और स्वामी रामदेव के बीच कुछ असहजता के संकेत मिलते रहे थे। मीडिया में आए बाबा के इस बयान ने भी हलचल मचा दी थी कि वे भाजपा का प्रचार नहीं करेंगे।

देशभर में स्वामी रामदेव के पतंजलि योगपीठ और भारत स्वाभिमान के लाखों अनुयायी हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में बाबा रामदेव ने मोदी के नेतृत्व में भाजपा को भारी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाबा को साधने के फायदे भाजपा नेतृत्व अच्छी तरह जानता है। 
 

मंच पर भी दोनों के बीच बीच में बातें होती रही

बृहस्पतिवार को जब अमित शाह पतंजलि परिसर में हेलीपेड पर उतरे तो बाबा ने उनका बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया वहीं अमित शाह भी बड़ी आत्मीयता से बाबा से मिले। मंच पर भी दोनों के बीच बीच में बातें होती रही। बाबा ने तो कई बार ठहाके लगाकर और अपने संबोधन में अमित शाह को अलंकृत कर उनका बखूबी स्वागत किया।

ऐसे में माना जा रहा है कि बाबा की तल्खी को अमित शाह दूर करने में काफी हद तक सफल रहे। इससे पहले अमित शाह हरिद्वार आकर शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या और भारत माता मंदिर के संस्थापक सत्यमित्रानंद गिरी से भी 2019 के चुनाव के लिए आशीर्वाद ले चुके हैं।

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