डेनमार्क की सहायता से स्वच्छ होगी गंगा-वरुणा नदी

  • ( वाराणसी में बनेगी स्मार्ट रिवर लैबोरेटरी)

हाल ही में वाराणसी का दौरा डेनमार्क के 7 सदस्यीय दल ने किया है। वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के पानी को स्वच्छ बनाने में डेनमार्क मदद करेगा। इसके लिए योजनायें निर्धारित की जानी है। दीनापुर में एसटीपी और वरुणा कॉरिडोर का डेनमार्क से आई टीम ने निरीक्षण भी किया है।

निर्णय हुआ है कि दीनापुर एसटीपी के यांत्रिक शाखा में पानी की जांच के लिए लैब बनाई जाएगी। बता दें कि, डेनमार्क के सात सदस्यीय दल ने दीनापुर एसटीपी का दौरा किया व जल निगम के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। नार्डिक कॉरपोरेशन डेनमार्क के डेवलपमेंट मिनिस्टर के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल वाराणसी के दीनापुर पहुंचा। यहां उन्होंने वाराणसी के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता की जानकारी ली। जल निगम के अफसरों ने बताया कि, लगभग 412 एमएलडी की क्षमता से सीवेज का ट्रीटमेंट किया जाता है।

बता दें कि, नदियों को स्वच्छ करने की योजना 2030 तक के लिए है। डेनमार्क के दल ने लगभग संबंधित लोगों से 20 मिनट तक जानकारी ली। नमामि गंगे के डीजी ने बताया कि, डेनमार्क के लोग नई तकनीक से एक लैब बनाएंगे। इसमें सीवेज व पेयजल दोनों की जांच की जा सकेगी।

डेनामार्क से आए मिनिस्टर फ्लेमिंग मोलर मोर्टेंसन ने बताया कि, भारत और डेनमार्क पर्यावरण, नदी जल संरक्षण के क्षेत्र में पहली बार समझौता करने जा रहे हैं। वाराणसी में गंगा की सफाई के लिए स्मार्ट रिवर लैबोरेटरी की स्थापना की जाएगी। बीएचयू के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो. एएस रघुवंशी ने वरुणा और अस्सी की स्थिति डेनमार्क से आई टीम को बताई।

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