प्रिन्ट मीडिया के बिना सामाजिक जन चेतना संभव नहीं: ब्रजेश पाठक

लखनऊ। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सबसे दुरूह कार्य पत्रकारिता है, और उससे भी दुरूह कार्य है किसी भी पत्र पत्रिका का प्रकाशन करना। प्रिंट मीडिया अब भी भारतीय समाज में खासकर यूपी में कहीं भी अपनी उपस्थिति दर्शाती रहती है। प्रिंट मीडिया के बिना सामाजिक जन चेतना संभव नहीं है। उप मुख्यमंत्री गुरुवार को जनहित जागरण के 28वें स्थापना दिवास पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

गोमतीनगर स्थित सीएमएस सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंचार माध्यमों ने जहां एक ओर लोगों को सचेत और जागरूक बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं उसके नकारात्मक प्रभावों से भी इनकार नहीं किया जा सकता। यह भी स्पष्ट है कि जनसंचार माध्यमों के बिना आज सामाजिक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में यह जरूरी है कि हम जनसंचार माध्यमों से प्रसारित और प्रकाशित सामग्री को निष्क्रिय तरीके से ग्रहण करने के बजाय उसे सक्रिय तरीके से सोच-विचार करके और आलोचनात्मक विश्लेषण के बाद ही स्वीकार करें।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने कहा कि अटलजी केवल राजनेता नहीं थे बल्कि कवि व प्रखर पत्रकार भी थे। संघ के प्रचारक के नाते संघ ने उनको जो भी दायित्व दिया उन्होंने उसको बखूबी निभाया। 1948 में अटल जी को राष्ट्रधर्म के संपादक का दायित्व सौंपा गया। जिस पत्रकारिता की नींव अटल जी ने रखी थी वो आज देश में छाई हुई है। सत्य का पक्ष सबसे बड़ा पक्ष होता है, वही निष्पक्ष है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार व वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार, रतिभान त्रिपाठी, एसपी सिंह, विजय त्रिपाठी, आलोक त्रिवेदी, गंगेश मिश्र, मनीष श्रीवास्तव सहित कई अन्य पत्रकार, कवि, समाजसेवी को सम्मानित किया गया। अन्य विशिष्ट अतिथि में सदस्य विधान परिषद पवन सिंह चौहान, लखनऊ जनहित जागरण के प्रधान संपादक शैलेश कुमार सिंह ‘शैलू‘, सम्पादक केके सिंह कृष्णा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

 

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