नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 में 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, आईएमएफ ने कहा कि भारत मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रहा है।
आईएमएफ ने देररात अपनी वार्षिक परामर्श रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में मजबूती से आगे बढ़ रही है। कम अनुकूल परिदृश्य और सख्त वित्तीय स्थितियों के मद्देनजर वृद्धि दर मध्यम रहने का अनुमान है। रियल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में क्रमश: 6.8 फीसदी और 6.1 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
आईएमएफ के भारतीय मिशन की प्रमुख शोएरी नाडा ने देररात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि एक निराशाजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत बेहतरीन जगह बना हुआ है। यह अनुमान पहले की तुलना में काफी बेहतर है। हमारे अनुमानों के मुताबिक भारत इस साल और अगले वर्ष वैश्विक वृद्धि में आधा फीसदी योगदान देगा।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसद से घटाकर 6.8 फीसद कर दिया था। हालांकि, फिच सहित कई अन्य रेंटिंग एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसद रहने का अनुमान जताया है।
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