यातायत को सुधारने की दिशा, रेलवे क्रासिंग के ऊपर पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज का काम भी शुरू

दून के यातायत को सुधारने की दिशा में चल रहे कार्यों के तहत मोहकमपुर रेलवे क्रासिंग के ऊपर पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज का काम भी शुरू हो गया है। आरओबी पर आवाजाही शुरू होने के बाद क्रासिंग पूरी तरह बंद हो जाएगी। इसके बाद सीढ़ियों के अलावा फुट ओवर ब्रिज से लोग आवाजाही करेंगे। इस कार्य पर 50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। रेलवे क्रासिंग के ऊपर पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज का काम भी शुरू हरिद्वार रोड पर मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज पर आवाजाही शुरू होने के बाद रेलवे क्रासिंग को बंद कर दिया जाएगा। वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से आरओबी से होगी। ऐसे में फाटक के दोनों तरफ मौजूद आइपीपी केंद्रीय विद्यालय, माजरी माफी, मोहकमपुर आदि आबादी क्षेत्र के लोगों को आवाजाही करने में परेशानी उठानी पड़ेगी। 

इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने पहले आरओबी के दोनों तरफ सीढ़ियां  बनाई हैं। इन सीढ़ियों से फुटपाथ से दोनों तरफ आवाजाही हो सकेगी। इसके अलावा क्रासिंग के पास फुटओवर ब्रिज का काम भी शुरू कर दिया है। फुट ओवर ब्रिज का 30 फीसद काम पूरा हो गया है। 

एक माह के भीतर इस ब्रिज से आवाजाही कराई जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण अभियंता राजेश शर्मा का कहना है कि लोगों की समस्या को देखते हुए फुटओवर ब्रिज बनाया गया है। अगले माह तक यह तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि फुटओवर ब्रिज बनने के बाद क्रासिंग को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 

अंडर ब्रिज भी प्रस्तावित 

मोहमपुर फाटक के आइआइपी केंद्रीय विद्यालय और घनी बस्ती को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे से अंडर ब्रिज का भी प्रस्ताव रखा है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हो पाया कि अंडर ब्रिज कहां से बनेगा।

डाटकाली सुरंग के स्लोप कार्य पर खर्च होंगे डेढ़ करोड़

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली डबल लेन सुरंग के बाहर अभी स्लोप कार्य किया जाना है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। भविष्य में सुरंग के मुहाने पर भूस्खलन के खतरों से सुरक्षा के लिए यह स्लोप कार्य किया जाएगा।

देहरादून-सहारनपुर हाईवे पर डाटकाली सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है। सुरंग में दो दिन के भीतर आवाजाही शुरू हो जाएगी। मगर, सुरंग के बाहर दोनों तरफ मुहाने पर भूस्खलन का खत्तरा है। भूस्खलन से सुरंग के ऊपर और आसपास के क्षेत्र में पेड़ों को भी खतरा बना हुआ है। इसके अलावा वाहनों की आवाजाही पर इसका असर पड़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि सुरंग के दोनों मुहानों पर स्लोप वर्क किया जाए। 

सुरंग तैयार होने के बाद यहां देहरादून की तरफ वाले मुहाने पर भूस्खलन भी हुआ है। इससे चिंतित राष्ट्रीय राजमार्ग ने स्लोप वर्क की योजना बनाई है। इधर, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के लिए यह राज्य की पहली सुरंग होगी। अभी तक प्रदेश में सिर्फ बीआरओ और पावर प्रोजेक्ट में प्राईवेट कंपनियों ने सुरंग बनाने का काम किया है।

केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव  

एनएच के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के अनुसार सुरंग के स्लोप वर्क का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्वीकृति मिलते ही यह कार्य शुरू हो जाएगा। छह माह के भीतर इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

भूस्खलन से बचाएगा स्लोप 

भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक रणबीर सिंह पंवार के अनुसार यह सुरंग पूरी तरह से हाईड्रोलिक तकनीक पर बनी है। ऐसे में अंदर तो सुरक्षा पुख्ता है। मगर, बाहर मुहाने पर भूस्खलन का खतरा है। स्लोप कार्य से भूस्खलन से निपटा जा सकता है। 

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