सदन में सीएम ने समझाया ताड़ना का अर्थ

  • – बोले- रामचरित मानस ग्रंथ जलाकर देश-दुनिया के 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान कर रही सपा
  • – यूपी की धरती राम-कृष्ण व गंगा-यमुना की, इस पर पवित्र ग्रंथ रचे गए
  • – मुख्यमंत्री ने सुनाया संस्मरण – मॉरीशस में लोगों के घरों में है रामचरित मानस, वे भी करते हैं विरासत का सम्मान

लखनऊ, 25 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सदन में समाजवादी पार्टी पर खूब तंज कसा। रामचरित मानस पर चल रहे विवाद पर योगी आदित्यनाथ मुखर हुए। उन्होंने अनेक उदाहरण के जरिए अपने आध्यात्मिक पहलुओं को उजागर किया और समृद्धशाली यूपी पर गौरव की अनुभूति भी कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयानों व उदाहरणों से समाजवादी पार्टी पर खूब प्रहार किया। सीएम ने साफ कहा कि शूद्र का आशय जाति से नहीं, श्रमिक वर्ग है। संविधान शिल्पी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर भी कह चुके हैं कि दलित समाज को शूद्र न बोलो।

सीएम ने रामचरित मानस के सुंदरकांड की चौपाई सुनाई…. बोले-कि यह प्रसंग तब आता है, जब भगवान राम लंका जाने के लिए समुद्र से तीन दिन तक रास्ता मांगते हैं, तब बोलते हैं.. भय बिन होय न प्रीत.. लक्ष्मण जी प्रभु श्रीराम को धनुषबाण देते हैं। भगवान राम तीर का सम्मान करके समुद्र को चेतावनी देते हैं तो समुद्र खड़ा होकर कहता है। तब यह पंक्ति है…

प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही, मरजादा पुनि तुम्हारी कीन्ही।
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़न के अधिकारी

सीएम ने कहा कि ढोल वाद्ययंत्र है, गंवार से आशय अशिक्षित से है, शूद्र का आशय श्रमिक वर्ग से है, किसी जाति विशेष से नहीं। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर भी कह चुके हैं कि दलित समाज को शूद्र न बोलो। यह भी पता है कि आपने बाबा साहेब के प्रति क्या व्यवहार किया। उनके नाम पर बनी संस्थाओं का नाम बदल दिया। आपने तो घोषणा भी की थी कि हम आएंगे तो बाबा साहेब के स्मारकों को हटाकर टेंट हाउस-मैरिज हॉल खोल देंगे। आप सामाजिक न्याय की बात करते हैं। नारी का अर्थ-नारीशक्ति से है। मध्यकाल में जब यह रचा गया तो महिलाओं की स्थिति क्या थी, किसी से छिपा नहीं है। बाल विवाह जैसी विकृतियां भी उस समय ही पनपी थी। सीएम ने कहा कि रामचरित मानस अवधी में रची गई। अवधी का वाक्य है.. भया एतने देर से ताड़त रहा, यहां ताड़त का अर्थ देखने से है। सीएम ने बताया कि संत तुलसीदास का जन्म चित्रकूट के राजापुर गांव में हुआ था। बुंदेलखंड के परिप्रेक्ष्य में देखेंगे तो वाक्य है… भइया मोरे लड़िकन को ताड़े रखियो यानी देखभाल करते रहो। संरक्षण करके शिक्षित-प्रशिक्षित करो, लेकिन सपा का कार्यालय संत तुलसीदास के खिलाफ अभियान चलाकर मानस जैसे पावन ग्रंथ का अपमान कर रहा है।

हम जीआईएस के जरिए यूपी को समृद्ध करने में लगे थे, तब इन लोगों ने नया शिगूफा छोड़ने का प्रयास किया
सीएम ने कहा कि जब हमारे मंत्रिसमूह के सदस्य जीआईएस के लिए देश-विदेश जाकर यूपी की समृद्धि का मार्ग तय करने लगे, तब इन लोगों ने जानबूझकर मध्यकालीन के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस व तुलसीदास को लेकर नया शिगूफा छेड़ने का प्रयास किया। संत तुलसीदास ने जिस काल खंड में रामचरित मानस की रचना की, तब उन जैसे साधक-संत को सत्ता (अकबर) का बुलावा आया था। तब तुलसीदास ने ‘हम चाकर रघुवीर के, पटव लिखो दरबार, तुलसी अब का होइहे नर के मनसबदार’ कहकर अच्छा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे एक ही राजा हैं, वह राम हैं। राम के अलावा मैं किसी को राजा नहीं मानता हूं। रामलीलाओं का प्रचलन स्वामी तुलसीदास की देन है। इसी के माध्यम से मध्यकाल में तुलसीदास ने समाज को एकजुट किया था। तुलसीदास ने कहा था कि बोलो-राजा रामचंद्र की जय।

यह लोग पूरे समाज को अपमानित करना चाहते हैं
सीएम ने कहा कि कुछ लोगों ने तुलसीदास का अपमान व रामचरित मानस को फाड़ने का प्रयास किया। यह कृत्य किसी अन्य मजहब के साथ हुआ होता तो क्या स्थिति होती। जिसकी मर्जी आए, वह हिंदुओं का अपमान कर ले, अपने अनुरूप शास्त्रों की विवेचना कर ले। सीएम ने सपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आप पूरे समाज को अपमानित करना चाहते हैं।

मॉरीशस में भी लोगों के घरों में श्रद्धा का केंद्र है रामचरित मानस
सीएम ने संस्मरण सुनाया कि मैं प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में मॉरीशस गया था। पूर्वी यूपी व बिहार से पौने दो सौ वर्ष पहले जो लोग गिरमिटिया मजदूर बनाकर वहां गए थे। आज वे लोग अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों के रूप में हैं। मैंने उन लोगों से पूछा कि आपके पूर्वज कोई चीज विरासत में लाए हों, ऐसा कुछ बचा है। तब उन्होंने बताया कि हमारे घर में रामचरित मानस का गुटका है। मैंने पूछा कि क्या आप उसे पढ़ना जानते हैं, उन्होंने कहा कि नहीं, लेकिन विरासत में जो सीखा है, उसे याद रखते हैं।

आप देश-दुनिया के 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित कर रहे हैं
सीएम ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि यूपी राम और श्रीकृष्ण की धरती है, गंगा-यमुना और संगम की धऱती है। यूपी की धरती पर रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ रचे गए। आप उसे जलाकर देश-दुनिया के 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित कर रहे हैं। ऐसी अराजकता को कोई कैसे स्वीकार कर सकता है। मुझे एक पंक्ति याद आती है… जाके प्रभु दारुण दुख दीन्हा, ताके मति पहले हर लीन्हा…।

सीएम ने अटल जी की भी लाइनें सुनाईं
अटल जी ने इस संबंध में बहुत अच्छी बात कही थी कि
हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय
हिंदू कहने में शरमाते, दूध लजाते लाज न आती
घोर पतन है, अपनी मां को मां कहने में फटती छाती।।

जिसने रक्त पिला कर पाला, क्षण भर उसका भेष निहारो,
उसकी खूनी मांग निहारो, बिखरे-बिखरे केश निहारो।।
जब तक दुशासन है, वेणी कैसे बंध पाएगी,
कोटि-कोटि संतति है, मां की लाज न लुट पाएगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com