किसानों का शोषण करने वाले विपक्षी दल आज बहा रहे घड़ियाली आंसू – योगी आदित्यनाथ

राघेवन्द्र प्रताप सिंह
राघेवन्द्र प्रताप सिंह

लखनऊ । राघेवन्द्र प्रताप सिंह : भारतीय किसान यूनियन के आंदोलन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसान जो मांगेें कर रहे हैं, उनमें से कई का समाधान राज्य सरकार कर चुकी है। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का शोषण करने वाले लोग आज किसानों के लिए कथित रूप से घडियाली आंसू बहाने का कार्य कर रहे हैं। ये नहीं चल सकता है।

मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार शाम यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि आवारा पशुओं के बारे में किसानों ने बात की है। राज्य सरकार ने हर जनपद में एक करोड रूपये से अधिक धन गौशाला निर्माण के लिए दिया है। साथ ही मनरेगा को इसके साथ जोडने की व्यवस्था कर रहे हैं। हर किसान को, जो अपने घर में गोवंश पालना चाहता है या पशुपालन करना चाहता है तो कनवर्जन के माध्यम से उसे धनराशि मुहैया करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में सामूहिक गौशाला, जहां पांच हजार से दस हजार गोवंश रखे जा सके, उसकी सेवा की जा सके एक करोड 20 लाख रूपये प्रत्येक जनपद को उपलब्ध कराया है। दस करोड रूपये हर नगर निगम को उपलब्ध कराया है ताकि वे अपने यहां भी गोवंश और आवारा पशुओं के लिए शेल्टर होम बना दें। योगी ने कहा कि मनरेगा को खेती के साथ जोडने जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान के लिए चीनी मिलों को चार हजार करोड़ रुपये का 'सॉफ्ट लोन' देने का फैसला लिया गया. सरकार ने इस ऋण के साथ शर्त रखी है की चीनी मिलों को सारा पैसा सीधे किसानों के खातों में भेजना होगा. कैबिनेट की बैठक के बाद लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के बाद से ही हम लगातार किसानों के हित में फैसले ले रहे हैं.  मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले सरकार ने किसानों के लिए कर्ज माफी का बड़ा फैसला लिया था. उस समय भी लाखों किसानों को फायदा हुआ था. इसके बाद सरकार ने गेहूं और धान की खरीद में कीर्तिमान स्थापित किया है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चीनी मिलों को 30 नवंबर तक हर हाल में गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान के लिए कहा गया है. इसके लिए सरकार उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद करेगी. ऐसी चीनी मिल जिन्होंने कम से कम 30 फीसदी तक गन्ने के बकाए का भुगतान किया है, उन्हें सॉफ्ट लोन देने की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऋण चीनी मिलों को पांच साल के लिए दिया जाएगा, जिस पर पांच फीसदी का ब्याज लिया जाएगा. ऋण के लिए चीनी मिलों के सामने शर्त रखी गई है कि उन्हें यह ऋण तभी मिलेगा, जब वे किसानों के बकाए का भुगतान सीधे किसानों के खाते में भेजने के लिए राजी होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 63 चीनी मिले ऐसी हैं, जिन्होंने 80 फीसदी से अधिक बकाए का भुगतान कर दिया है. 42 चीनी मिलें ऐसी हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से अधिक बकाए का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का दाम काफी कम है. उस कमी को पूरा करने के लिए सरकार चीनी मिलों को साढ़े चार रुपये प्रति कुंतल की वित्तीय मदद मुहैया कराएगी. सरकार के इस फैसले से लगभग 500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. यह पैसा भी चीनी मिलों को सीधे किसानों के खातों में भेजना होगा. कैबिनेट बैठक में हुए अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रतापगढ़ में करैती-सिराथू मार्ग पर 248 करोड़ रुपए की लागत से एक पुल का निर्माण किया जाएगा. इसकी धनराशि के अनुमोदन को लेकर प्रस्ताव आया था जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया. इसके अलावा सीतापुर में सधौली-मिश्रिख-विश्वा मार्ग पर नैमिषारण्या तक दो लेन के मार्ग के लिए 72 करोड़ रुपए के अनुमोदन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. इसकी लंबाई 42 किलोमीटर होगी और इसे दो वर्ष के भीतर बनाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का आदेश है कि दस वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टरों का इस्तेमाल बंद किया जाए। हम सरकार की ओर से याचिका दायर कर किसानों को राहत पहुंचाने का काम करेंगे। योगी ने कहा कि किसानों के हित के जितने भी कार्य हो सकते हैं, केन्द्र और प्रदेश सरकार ने किये हैं। किसान हमारी प्राथमिकता में हैं। दिल्ली जा रहे किसानों पर लाठीचार्ज के बारे में पूछने पर योगी ने कहा कि लोकतंत्र में किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जब किसानों का प्रतिनिधिमंडल उच्चस्तरीय केन्द्रीय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करता है तो उन स्थितियों में  धैर्य के साथ हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए।

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का शोषण करने वाले लोग आज किसानों के लिए कथित रूप से घडियाली आंसू बहाने का कार्य कर रहे हैं। ये नहीं चल सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए भरपूर कार्य कर रही है। आगे भी पूरी संवेदनशीलता के साथ किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर प्रकार की मदद करने के लिए हम लोग पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। जब कहा गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह का साथ किसानों को मिल रहा है, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन-जिन नेताओं का नाम लिया गया है, ये वे नेता हैं जिन्हें आलू और गन्ने के बारे में भेद नहीं मालूम है। ये किसान नहीं हैं बल्कि ये दुर्भाग्य से या सौभाग्य से ऐसे घरों में पैदा हुए हैं जिन्होंने खेती किसानी नहीं देखी है। सत्ता में रहते इन्होंने कभी किसानों का हित नहीं किया है।

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