( शाश्वत तिवारी) : विदेशों में फंसे नागरिकों को वापस अपने वतन लाने के लिए विदेश मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में म्यांमार में अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट द्वारा फर्जी नौकरी की पेशकश के शिकार हुए आठ भारतीय नागरिकों को गुरुवार को वापस लाया गया है। म्यांमार में भारत उच्चायोग ने ट्वीट किया कि म्यांमार में अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट की नौकरी की पेशकश के शिकार हुए 8 भारतीय नागरिकों को वापस भेज दिया। वे यांगून से कोलकाता के लिए रवाना हुए जहां से वे भारत में अपने मूल स्थानों पर जाएंगे।
यांगून में भारतीय दूतावास ने म्यांमार के अधिकारियों और अन्य संपर्कों द्वारा प्रदान की गई सहायता की सराहना की। और कहा है कि अब तक लगभग 315 भारतीय नागरिकों को म्यांमार से बचाया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट से नौकरी की पेशकश के शिकार थे। जबकि हम शेष भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए अपने प्रयासों को जारी रखे हुए हैं।
इससे पहले फरवरी 2023 में म्यांमार से नौ भारतीयों को वापस लाया गया था। भारतीय नागरिकों के लिए एक परामर्श में विदेश मंत्रालय ने आईटी-कुशल युवाओं को आगाह किया था, जो इस तरह के फर्जी नौकरी रैकेट के निशाने पर थे। गौरतलब है कि लाओस और कंबोडिया में भी इसी तरह के जॉब रैकेट के मामले सामने आए हैं। वियनतियाने नोम पेन्ह और बैंकॉक में भारतीय दूतावास वहां से लोगों को वापस लाने में मदद कर रहे हैं। पीड़ितों को कथित तौर पर अवैध रूप से सीमा पार म्यांमार में ले जाया गया और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया गया।
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