जल्द ही रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस कर सकते

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज भीड़- भाड़ वाले स्थानों पर मशीनों के चलने के दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी।जल्द ही रोबोट इंसानों की तरह खुद को दो पैरों पर बैलेंस कर सकते वैज्ञानिक बताते हैं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर चलते समय इंसान कभी यह नहीं सोचते कि दूसरों से टकराने से कैसे बचें। हमें तो बनाया ही इस तरह से गया है कि अपनी कुशलता का प्रयोग कर कठिन से कठिन जगहों पर आसानी से चल सकें। इस कुशलता में सबसे महत्वपूर्ण है खुद को संतुलित करके खड़ा रहना। इस पर ही हमारा शरीर टिका रहता है।

छह साल की खोज के बाद तैयार किया प्रोग्राम

अमेरिका के ऑस्टिन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने मानव शरीर की इसी डायनमिक कौशल जिस पर पूरे शरीर का संतुलन निर्भर करता है को गणित के समीकरण में परिवर्तित किया। इसके आधार पर उन्होंने एक फॉर्मूला तैयार किया, जिससे उन्होंने अपने मर्करी नाम के रोबोट को प्रोगाम किया है। वैज्ञानिकों को इसे तैयार करने और जांच करने में करीब छह साल का समय लगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि एक औसत व्यक्ति द्वारा संतुलन खोकर गिरने की आशंका कितनी होती है और इसके पीछे क्या कारण होते हैं।

तैयार किए जा सकेंगे मानव सदृश रोबोट

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में एसोसिएट प्रोफेसर लुइस सेंटीस कहते हैं, हमने एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जिसके जरिये रोबोट को यह सिखाया जा सकता है कि अनजाने में या जानबूझ कर धक्का लगने पर वे खुद को कैसे संतुलित रखें। भीड़ में चलने के लिए यह शुरुआती और सबसे जरूरी कौशल है। इस तकनीक के जरिये रोबोट दो पैरों पर खुद को संतुलित करने में सफल हुआ है और वो भी बिना टखने के। इसके जरिये भविष्य में पूरी तरह से मानव सदृश रोबोट विकसित किए जा सकेंगे।

अब चलाने की तैयारी

वैज्ञानिक बताते हैं कि बिना टखने के रोबोट खुद को संतुलित करके खड़ा तो हो सकता है, लेकिन इंसानों की तरह चल नहीं सकता। इसके लिए उन्होंने ऐसी तकनीक तैयार की है, जिससे पूरे शरीर को नियंत्रित किया जा सके। इसके जरिये डाटा को सेंड और रिसीव किया जा सकता है और टकराने से बचा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने गणित के सूत्रों और तकनीक का भी प्रयोग किया है। लुइस कहते हैं, इसके लिए हमने एआइ प्रणाली का भी इस्तेमाल किया है। फिलहाल इस दिशा में काम चल रहा है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही रोबोट भीड़ में चलते हुए दिखाई देंगे। 

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