पंजाब सरकार अपना राजस्‍व बढ़ाने के लिए, शराब का थोक कारोबार अपने हाथ में ले सकती है।

 आर्थिक संकट से जूझ रही पंजाब सरकार अपना राजस्‍व बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस कड़ी में उसने अब शराब करोबार पर ध्‍यान देने की तैयारी में है। इसके तहत राज्‍य सरकार शराब का थोक कारोबार अपने हाथ में ले सकती है। इसके लिए लिकर कारपोरेशन की स्थापना की जाएगी। इसके लिए वह पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाएगी। पंजाब सरकार अपना राजस्‍व बढ़ाने के लिए, शराब का थोक कारोबार अपने हाथ में ले सकती है। राजस्‍व बढ़ाने की कवायद, रेट सरकार तय करेगी, डिस्टलरी व रिटेल कारोबार प्राइवेट हाथों में ही रहेंगे

नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर चल रहे विचार-विमर्श के बाद यह तथ्य निकलकर सामने आया है। थोक कारोबार अपने हाथों में लेकर न केवल रेवेन्यू को बढ़ाया जा सकता है बल्कि इस कारोबार के हिस्से पर सरकार का कंट्रोल भी रह सकता है। डिस्टलरी और रिटेल कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में ही रहेंगे। शराब के रेट भी सरकार ही तय करेगी।

तमिलनाडु का नहीं, पश्चिम बंगाल का मॉडल लागू करने की तैयारी

पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल वित्त और टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों के साथ पश्चिम बंगाल का दौरा करके आए हैंं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को दे दी है और इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसको लेकर कैबिनेट में भी चर्चा हुई थी। इसमें स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बात पर ऐतराज जताया था कि सरकार वादा करने के बावजूद लिकर कारपोरेशन नहीं बना रही है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने इस संबंध में तमिलनाडु का उदाहरण दिया था। उन्‍होंने कहा था कि तमिलनाडु सरकार को शराब कोराबार से 26 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हो रही है। लेकिन, एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने आंकड़े सामने रखकर दावा किया कि 26 हजार करोड़ रुपये कुल आमदनी है न कि केवल एक्साइज की आमदनी।

पश्चिम बंगाल की आमदनी हुई लगभग दोगुनी

उल्लेखनीय है कि साल 2016-17 में पश्चिम बंगाल को शराब कारोबार से 5201 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी। अगले साल राज्य सरकार ने होलसेल कारोबार को अपने हाथों में ले लिया और एमआरपी पर एक्साइज ड्यूटी लगा दी। इससे एक ही साल में आमदनी बढ़कर 9258 करोड़ रुपये हो गई है।

पंजाब और पश्चिम बंगाल के लोगों से ज्यादा शराब पीते हैं तमिलनाडु के लोग

पंजाबी ज्यादा शराब पीने के लिए जाने जाते हैं लेकिन यदि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पंजाब और पश्चिम बंगाल के लाेगों से ज्यादा तमिलनाडु के लोग शराब पीते हैं। पंजाब में जहां प्रति व्यक्ति औसतन खपत 3.68 लीटर है और पश्चिम बंगाल में यह औसत खपत 2.80 लीटर प्रति व्‍यक्ति है। दूसरी ओर, तमिलनाडु में शराब की औसत खपत 5.22 लीटर प्रति व्यक्ति है।

पंजाब, तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल में आमदनी

शराब से पंजाब में आमदनी साल 2017-18 में 5135.69 करोड़ रुपये थी। तमिलनाडु में यह 6000.25 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल में 9258.25 करोड़ रुपये थी।

 

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