एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ मिलेट कैफे 

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश में मिलेट कैफे के शुभारंभ की सराहना की है। प्रदेश में वर्ष 2025 तक मिलेट उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीन पवार ने एम्स में श्रीअन्न (मिलेट) कैफे का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हम अपने दैनिक जीवन में मोटे अनाज से तैयार भोजन को बढ़ावा दें। खासतौर से युवा पीढ़ी को मोटे अनाज से तैयार उत्पादों का उपयोग जरूर करना चाहिए। एम्स परिसर में मिलेट कैफे के शुभारंभ पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीन पवार ने कहा कि मोटे अनाज का हमारे दैनिक जीवन में विशेष महत्ता है। ’स्वस्थ खाएं और स्वस्थ रहें’ का नारा तभी साकार होगा जब युवा पीढ़ी जंक फूड की जगह मोटे अनाज को उपयोग में लाएगी।

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के इस दौर में किसान कैसे समृद्ध हो, इसको लेकर एक विशेष अभियान चला रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष का नाम दिया है। किसानों को मिलेट (मोटी फसल) की खेती करने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। जिसमें बाजरा, जौ, सूडान, मरुआ, चना, ज्वार, खेड़ी जैसे फसल शामिल है। लगातार गिरते भूजल स्तर किसानों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। गिरते भूजल स्तर को देखते हुए मिलेट (मोटे अनाज) की खेती को करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है।

नाबार्ड के प्राधिकारी भी बता चुके हैं कि वैसे किसान जिनके खेतों के पास पानी की कमी है वहां पर मिलेट फसल की खेती पर ध्यान दिया जाए। इसकी खेती में खर्च भी कम आते हैं।
मिलेट जिन्हें हिंदी में मोटा अनाज (बाजरा, जुआर, कांगनी, रागी इत्यादि) कहा जाता है। यह पौष्टिक अनाज होते हैं जो फाइबर, खनिज और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। मोटे अनाज अकसर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में उपयोग किए जाते हैं, और दलिया, ब्रेड, और
साथ ही साइड डिश के रूप में भी पकाया जाता है। मोटे अनाजों को दुनिया भर में व्यापक रूप से उगाया एवं भोजन में इस्तेमाल किया जाता है।

भारत की मांग पर संयुक्त राष्ट्र ने 5 मार्च 2021 को वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट’ घोषित किया था और भारत की इस मांग को दुनिया के 72 देशों का समर्थन मिला था। 3 मार्च 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एक संकल्प में 2023 को ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट’ घोषित करने का निर्णय लिया। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने कुछ दिनों पहले ही इटली के रोम में ‘इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट-2023 (IYM-2023)’ की शुरुआत की है।

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