नई दिल्ली। स्कूलों में बम की झूठी धमकी वाले ईमेल के कई मामले आने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पुलिस से इस तरह की फर्जी धमकियों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा। अदालत ने शहर के स्कूलों में रिस्पॉन्स प्लान लागू करने के लिए भी पुलिस, स्कूलों और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।
यह याचिका हाल ही में मथुरा रोड के दिल्ली पब्लिक स्कूल में बम होने की धमकी के बाद दर्ज की गई है, जो बाद में एक मजाक निकला जिसे छात्रों में से ही एक ने सिर्फ मनोरंजन के लिए भेजा था।
एक अभिभावक वकील अर्पित भार्गव की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने टिप्पणी की कि ऐसी घटनाएं डरावनी हैं और इसलिए इनसे निपटने के लिए एक कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति सिंह ने विभिन्न निजी स्कूलों के संगठनों को भी मामले में प्रतिवादी बनाया और उन्हें नोटिस जारी किए।
एक काउंसलिंग सत्र के दौरान छात्र ने स्वीकार किया कि इस साल अप्रैल में दिल्ली के सादिक नगर में ‘द इंडियन स्कूल’ में इसी तरह की घटना के बाद उसे यह विचार आया था।
हाल ही में दक्षिण दिल्ली के साकेत में एक निजी स्कूल में बम की धमकी का एक और ईमेल प्राप्त हुआ था, हालांकि, कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को मुकर्रर की है।
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