देव नगर में बहुड़ा यात्रा के साथ रथ यात्रा पर्व संपन्न

करोल बाग के देव नगर के सरकारी कॉलोनी में 20 जून से प्रारंभ हुई रथ यात्रा का समापन 28 जून को बहुदा यात्रा के साथ संपन्न हुआ. रथ यात्रा समिति के प्रमुख पदाधिकारियों अनिल पटनायक, प्रसन्न कुमार नंदा और बी आर मिश्रा जी ने बताया आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और अपने बड़े भाई बलदाऊ के साथ मौसी के घर जाते हैं, इसके बाद आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मौसी के घर से वापस अपने श्रीधाम को लौटते हैं। किसी यात्रा को बहुडा यात्रा कहते हैं । रथ यात्रा समिति देव नगर के ही एक और पदाधिकारी श्रवण कुमार जी प्रदीप जी और पी के सारंगी जी बताते हैं कि इस महापर्व के दौरान कई परंपराओं का निर्वहन किया जाता है और रूठी हुई मां लक्ष्मी को मनाया जाता है। मां महालक्ष्मी जब प्रभु जगन्नाथ से रूठ गई थी तो उन्होंने प्रभु के रथ को तोड़ दिया था जिसके परंपरा के रूपांतरण के तौर पर हेरा पंचमी का भी आयोजन देव नगर की सोसाइटी में किया गया था।

9 दिन के इस महापर्व के समापन के अवसर पर राज्यसभा के सांसद प्रशांत नंदा, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र जी, करोल बाग विधानसभा के लोकप्रिय विधायक विशेष रवि जी और स्थानीय पार्षद उर्मिला महेंद्र गौतम जी उपस्थित रहकर विशेष पूजन अर्चन किया और देव नगर के निवासियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। राज्यसभा सांसद प्रशांत कुमार नंदा जी ने और मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र आदि ने देवनगर रथ यात्रा समिति और आरडब्ल्यूए समिति को इस आयोजन के लिए साधुवाद प्रकट किया और साथ ही साथ अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूत बनाते हैं, जहां पर विभिन्न संस्कृतियों के लोग एक साथ रहते हैं और एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हुए इस महापर्व में इतनी विशाल संख्या में उपस्थित होते हैं। स्थानीय विधायक विशेष रवि ने रथ यात्रा समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह करोल बाग की सांस्कृतिक बहुलता को प्रकट करता है जहां पर भारत के हर प्रांत के लोग मिलजुलकर हर एक उत्सव को इस तरह से मनाते हैं। पार्षद उर्मिला महेंद्र गौतम ने रथ यात्रा समिति और आरडब्ल्यूए समिति के लोगों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ प्रभु की कृपा इस सोसायटी के लोगों पर और करोल बाग के साथ-साथ देश के समस्त लोगों पर बनी रहे और लोग इसी तरीके से भारत की सांस्कृतिक विविधता के साथ आगे बढ़े। बहुड़ा यात्रा के दौरान देव नगर सोसाइटी के उपस्थित लगभग दो हजार की संख्या में श्रद्धालुओं ने रथ की रस्सी खींच कर आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया और साथ ही साथ महाप्रभु के प्रसाद को ग्रहण किया।

उड़ीसा और साथ ही साथ देश के इस अद्भुत संस्कृति और समावेशी संस्कृत से परिचय कराने के लिए देव नगर की रथ यात्रा के समिति के सदस्य के साथ-साथ अन्य महानुभावों का विशेष योगदान रहा जिसमें प्रमुख तौर पर अनिल पटनायक ,बीआर मिश्रा, अरुण, सुनील बेहरा, सुधीर गुप्ता ,कुलश्रेष्ठ जी,  पीके सारंगी, कुलदीप ,विजय, अनुभव, श्रवण कुमार प्रसन्न कुमार नंदा ,असीम भट्टाचार्य, प्रदीप शर्मा, विजय लोनडे, किशन माधव, दीपक ,पवन, जय नारायण, सुमंत, प्रकुंज,हेमंत , चंपक,नायक  और साईं मित्र मंडल के सदस्यों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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