बेंगलुरु। एक बड़े फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने पति की चाकू मारकर हत्या करने वाली महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि महिला होना ही जमानत देने का मानदंड नहीं हो सकता।
पत्नी पर अवैध संबंध को लेकर सवाल पूछे जाने पर पति का गला काटने का आरोप है।
न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी दिल्ली रानी की याचिका पर गौर करते हुए सोमवार को यह आदेश दिया।
पीठ ने वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी एक महिला है, उसे जमानत दी जानी चाहिए।
रानी 24 सितंबर, 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं। उसने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा कि घटना में घायल होने के कारण दिल्ली रानी को निर्दोष नहीं माना जा सकता। उसके पति शंकर रेड्डी की उस आवास पर हत्या कर दी गई जहां रानी और उनके दो नाबालिग बच्चे रहते थे। तीन गवाहों के बयान से मामले के दूसरे आरोपी के साथ पत्नी के अवैध संबंध की पुष्टि हुई है। चूंकि शंकर रेड्डी अवैध संबंध में बाधक था, इसलिए उसकी हत्या कर दी गई।
घटना के बाद आरोपी ने खुद को घायल कर लिया था और जांच को गुमराह करने के लिए अपने गहने छिपा दिए थे।
पीठ ने कहा, पुलिस ने आरोपी के कान की बालियां, चेन और रात की पोशाक बरामद की है, जिस पर खून के धब्बे हैं।
नाबालिग लड़के ने बयान दिया था कि सुबह उठने के बाद उसने अपने पिता को खून से लथपथ देखा। इससे पहले आरोपी दिल्ली रानी और मृतक शंकर रेड्डी के बीच झगड़ा हुआ था।
अदालत ने कहा, अपराध गंभीर प्रकृति का है और सिर्फ इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह एक महिला है।
दिल्ली रानी और उनके पति आर. शंकर रेड्डी शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे हैं। दिल्ली रानी का अफेयर था। शंकर रेड्डी बेंगलुरु में काम करते थे और उनका परिवार आंध्र प्रदेश में रहता था।
अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपने परिवार को बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया था। आरोपी और उसके प्रेमी ने शंकर रेड्डी की हत्या की साजिश रची। 24 फरवरी, 2022 को आरोपी ने सोते समय शंकर रेड्डी का गला काट दिया।
अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने वाली यशवंतपुर पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिल्ली रानी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया था।
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