उमेश यादव ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर हैदाराबाद टेस्ट में 10 विकेट लिए.

भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया के एकमात्र तेज गेंदबाज रहे उमेश यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उमेश की ही बेहतरीन गेंदबाजी का नतीजा था कि मैच का नतीजा तीसरे दिन ही निकल सका और टीम इंडिया वेस्टइंडीज को 10 विकेट से मात दे दी. उमेश ने इस मैच की दोनों पारियों में बढ़िया गेंदबाजी की और मैच में 10 विकेट हासिल किए. 

इस सीरीज के पहले मैच में भी भारत ने वेस्टइंडीज को तीसरे दिन ही हराया था. हालाकि इस मैच में उमेश यादव केवल एक ही विकेट ले सके थे. उमेश को हैदराबाद टेस्ट में अकेले ही तेज गेंदबाजी की कमान संभालनी पड़ी थी क्योंकि उनके साथी तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर मैच में केवल 10 गेंद फेंक सके और ग्रोइन की चोट की वजह से पूरे मैच में गेंदबाजी नहीं कर सके. इसके बावजूद उमेश ने अपने कप्तान को निराश नहीं किया और दोनों पारियों में वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को परेशान किया.

 ये मुकाम हासिल किए उमेश ने
उमेश तीसरे ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने भारत में ही दस विकेट लिए हैं उनसे पहले कपिल देव ने दो बार ( 1980 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ , 1983 में अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ), जगावल श्रीनाथ (1999 में कोलकाता में पाकिस्तान के खिलाफ) दस विकेट लिए थे. इसके अलावा उमेश  आठवें भारतीय पेसर हैं जिन्होंने टेस्ट में 10 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की है. उनके अलावा कपिल देव (दो बार) चेतन शर्मा, वेंकटेश प्रसाद, जगावल श्रीनाथ, इरफान पठान, ईशांत शर्मा, और जहीर खान दस विकेट ले चुके हैं.

उमेश ने वेस्टइंडीज की पहल पारी में छह विकेट लिए जिससे वेस्टइंडीज की पहली पारी 311 रनों पर सिमट सकी. इस उपलब्धि के साथ उमेश भारत के ऐसे पहले तेज गेंदबाज बन गए थे जिन्होंने साल 2000 के बाद टीम इंडिया के लिए एक पारी में 6 विकेट लिए हैं.

उमेश के शानदार प्रदर्शन की कप्तान कोहली ने भी तारीफ की. विराट ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उसने अपने करियर का लाजवाब प्रदर्शन किया और वह इस प्रदर्शन को आगे और भी बेहतर कर सकता है.’’

ऑस्ट्रेलिया के लिए उमेश ज्यादा उपयुक्त
उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैच काफी मुश्किल हो सकते हैं क्योंकि कूकाबूरा गेंद ऐसा बर्ताव नहीं करती है जैसा इंग्लैंड में करती है. इसलिए आपको पूरी दिन दौड़कर रफ्तार से सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करनी होगी. लेकिन मुझे लगता है कि इस दृष्टि से उमेश ऑस्ट्रेलिया में खेलने के लिए बिलकुल सही है.’’

अब ऑस्ट्रेलिया के लिए गेंदबाजों का चयन होगा मुश्किल
कोहली ने कहा, ‘‘क्योंकि उमेश की गेंदों में तेजी है, उसका फिटनेस स्तर पूरे दिन गेंदबाजी के लिए बेहतर है, वह अहम मौकों पर विकेट भी झटकता है और उसकी गेंद अच्छा बाउंस भी ली हैं इसलिए अब यह (चयन) काफी मुश्किल होने वाला है. निश्चित रूप से सभी चारों गेंदबाज जब 140 की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं और वे आपके लिए विकेट चटकाते हैं तो यह चीज निश्चित रूप से ऐसी है जो हर कप्तान रखना चाहेगा. ’’

फिटनेस भी रही शानदार 
विदर्भ के इस तेज गेंदबाज ने उमस भरे हालात में कुल 38.5 ओवर फेंके.  कोहली ने कहा, ‘‘उमेश का प्रयास लाजवाब रहा. मुझे लगता है कि शार्दुल के चोटिल होने के बाद दोनों पारियों में उसका इस तरह की गेंदबाजी करना शानदार रहा. इससे उसके फिटनेस स्तर का अंदाजा होता है. ’ज्यादा लोगों के अंदाजा नहीं होगा, लेकिन वह काफी प्रतिभाशाली गेंदबाज है. वह बीच बीच में ऐसी गेंदबाजी भी करता है जिसे खेलना काफी मुश्किल होता है, हम नेट में ऐसी गेंदों को खेलते हैं. वह ऐसी भी गेंद फेंकता है, जिसमें आप कुछ नहीं कर सकते, आपको सिर्फ यही लगता है कि आप आउट हो जाएंगे.’’

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