कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की झलक

देश में लोकसभा चुनाव को लेकर अब प्रचार जबरदस्त तरीके से जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार कर रहे हैं। इन सब के बीच पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से घोषणा पत्र भी जारी कर दिया गया। हालांकि, अब कांग्रेस का घोषणा पत्र चर्चा का केंद्र में आ गया है। साथ ही इसे मुस्लिम लीग से जोड़ा जा रहा है। यानी की चुनावी मौसम में नाना करते हुए भी अब मुस्लिम लीग का जिक्र होने लगा है। कुछ नेता तो कांग्रेस के घोषणा पत्र को पाकिस्तान चुनाव की घोषणा पत्र बता रहे हैं। चुनावी मौसम में मुस्लिम लीग और पाकिस्तान का तड़का लगने के साथ ही प्रचार का टेस्ट भी बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। वार-पलटवार की राजनीति भी तेज हो रही है।
कैसे हुई शुरुआत
कांग्रेस के घोषणा पत्र पर वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सहारनपुर में मुस्लिम लीग को लेकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं। बिहार के नवादा में नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि आम चुनाव के लिये पार्टी की ओर से जारी घोषणापत्र में ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ की बू आ रही है और ये ऐसा है मानो इसे मुस्लिम लीग लेकर आई है।

भुनाने में जुटी भाजपा
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा कुछ और नहीं बल्कि मुस्लिम लीग का छिपा हुआ एजेंडा है। यहां तक ​​कि अपने घोषणापत्र में भी उन्होंने उल्लेख किया है कि वे व्यक्तिगत कानूनों को बनाए रखने की कोशिश करेंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र भारत की तुलना में पड़ोसी पाकिस्तान में चुनाव के लिए अधिक उपयुक्त है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आप (कांग्रेस) मुस्लिम लीग के एजेंडे के छद्म भागीदार बन गए हैं जो इस देश में विभाजन और नरसंहार के लिए जिम्मेदार है। यही कारण है कि कांग्रेस ‘नॉन परफॉर्मिंग पार्टी’ और उसके नेता ‘नॉन प्रोडक्टिव पप्पू’ बनते जा रहे हैं। शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा वोट बैंक हित को राष्ट्रीय सुरक्षा और हित से ऊपर रखा है। कांग्रेस का घोषणा पत्र इसका ज्वलंत उदाहरण है।

कांग्रेस का पलटवार
पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की आलोचना करने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। मोदी जी के भाषणों में आरएसएस की बू आती है। दिन पर दिन भाजपा की चुनावी हालत इतनी खस्ता होती जा रही है कि आरएसएस को अपने पुराने मित्र – मुस्लिम लीग – की याद सताने लगी है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जिन्ना की मुस्लिम लीग से समझौता किया। कांग्रेस ने कभी कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और जसवन्त सिंह ने पाकिस्तान जाकर जिन्ना की तारीफ की। किसी कांग्रेसी नेता ने ऐसा नहीं किया।
भाजपा कैसे जोड़ रही लिंक
भाजपा के मुताबिक मुस्लिम लीग ने 1936 के घोषणापत्र में कहा था कि वह मुसलमानों के शरिया व्यक्तिगत कानूनों की रक्षा करेगी। 2024 में कांग्रेस ने भी कहा है कि वह यह तय करेगी कि अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून हों। 1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि वह बहुसंख्यकवाद के खिलाफ लड़ेगी। कांग्रेस के 2024 के घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। मुस्लिम लीग ने घोषणापत्र 1936 में कहा कि हम मुसलमानों के लिए विशेष छात्रवृत्ति और नौकरियों के लिए लड़ेंगे। कांग्रेस ने 2024 में कहा कि हम मुस्लिम छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति सुनिश्चित करेंगे।

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