नाव डूब जाने पर 8 लोगों की मौत हो जाने के बाद पूरे गांव में पसरा मातम

रायगढ़  ।  रायगढ़ जिले के लगे हुए ओडिशा प्रांत के झारसुगुड़ा जिले के रेंगाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पंचगांव में पथरसेनी मंदिर दर्शन गए पंचराम में ग्रामीणों की नाव बीच नदी में शुक्रवार की शाम नाव पलट गई ।इस दुखद हादसे में छत्तीसगढ़ के खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम अंजोरीपाली के 8 लोग की एक साथ मौत हो जाने के बाद पूरे गांव में शनिवार की शाम से मातम पसर गया।

ओडिशा एवं रायगढ़ जिले की पुलिस एवं प्रशासन की टीम एवं खोताखोरों की टीम के द्वारा सभी के शवों को बरामद करके पोस्टमार्टम उपरांत सभी के शवों को उनके घर भेज दिया गया है। दोपहर में सुबह से लेकर दोपहर तक जहां गांव में सन्नाटा पसरा रहा।जब मौके पर शव पहुंचे तब मृतकों के घर में पूरा का पूरा गांव उमड़ पड़ा। इस घटना में एक ही गांव के 5 महिलाओं से सहित 3 बालकों की मौत हो गई है।
इस घटना में 5 महिलाओं सहित 3 बालकों की मौत हो गई और सभी मृतक खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम अंजोरीपाली के निवासी है। नाव डूबने की घटना में कल ही एक महिला राधिका निषाद का शव निकाला गया था। जिसके बाद सर्च एवम रेस्क्यू ऑपरेशन टीम लगी हुई थी। जहां रात होने के बाद रेस्क्यू आपरेशन को बंद कर दिया गया था और शनिवार की सुबह 5 बजे से फिर से रेस्क्यू की शुरूआत की गई और फिर एक के बाद एक सभी 8 शवों को बरामद कर लिया गया। इस रेस्क्यू आपरेशन के दौरान ओडीआरएएफ और फायर इमरजेंसी और सेफ्टी की टीमें स्कूबा डाइवर्स ने सर्च ऑपरेशन की टीम मौजूद रही।

नाव चालक शराब के नशे में था

ओंजरीपाली के ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की शाम वो लोग जिस नाव में बैठकर वे पथरसेनी मंदिर से वापस आ रहे थे उस नाव का नाविक शराब के नशे में था और जब नाव नदी के बीच में डूबी तब वह सबसे पहले निकलकर मौके से भाग निकला। ऐसे में वे नाविक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अधिक लोड बनी हादसे की वजह

अंजोरीपाली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जब वे पथरसेनी से वापस लौट रहे थे तब नाव में अंजोरीपाली के 45 लोग और कोतरलिया से 7 लोग सवार होकर वापस आने वाले थे। इसी बीच मौके पर ओडिशा के 7 अन्य लोग उसी नाव में बैठ गए ।उनकी दो मोटर सायकल भी उसी नाव में लाद दिये ।अंजोरीपाली के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और दो बार में आधे-आधे लोगों को नदी पार करने की बात कही ।लेकिन इसके बावजूद नाव चालक के द्वारा उनकी बातों को अनसुना करते हुए सब एक साथ आराम से पार हो जाएंगे कहकर सभी को एक साथ लेकर निकल गया।तभी बीच नदी में यह हादसा हो गया।

मन्नत पूरी होनें के बाद गए थे पथरसेनी

गांव के ग्रामीणों ने बताया कि घुराऊ विश्वकर्मा के घर में एक के बाद एक तीन लड़कियां होनें के बाद उसने मन्नत मांगी थी कि अगर उनके घर में लड़का हुआ तो वह पथरसेनी में बकरा देगी। जिसके बाद उनके घर में एक लड़के का जन्म होनें के बाद वे एक से डेढ़ साल बाद बकरा देने पथरसेनी अपने गांव के 40 से अधिक लोगों को लेकर गया था ,परंतु यह घटना घटित हो गई।

मन्नत के बाद हुआ था बालक का जन्म

अंजोरीपाली के विश्वकर्मा परिवार के यहां काफी मन्नतों के बाद बालक का जन्म हुआ। परिवार के लोग पत्थरसेनी मंदिर में मन्नत मांगी थी। मन्नत पूरी हुई तो गांव के लोगों का निमंत्रण देकर मंदिर जाने गुरूवार की शाम आसपास के परिचितों से कहा। मंदिर दर्शन करने दूधमुहें बच्चे को भी साथ ले गए थे। लौटने के दौरान परिचित की बुआ (घसनीन राठिया) ने उसे गोद में लिया था। जब नाव डूबा तो उसे लेकर पानी के नीचे जाने लगी। थोड़ा तैरकर बाहर डूबकी लगाकर बच्चे को उपर रखा। पास में एक युवक ने उसे उपर उठाकर घाट की तक लाया। जिससे दूधमुहें बच्चे की जान बची। लेकिन उसे गोद में लेने वाली उसकी बुआ डूब गई। जिसका शव शनिवार की दोपहर मिली।

जो चलने में असमर्थ था वो बच गया

ग्रामीणों ने बताया कि घुराऊ विश्वकर्मा के बच्चों से लेकर बुजूर्ग भी पत्थरसेनी के दर्शन करने गए थे। वही घुराऊ के साढू कोतरलिया के 7 अन्य लोग साथ गए थे। लेकिन ना तो घुराऊ विश्वकर्मा के परिवार के कुछ हुआ और ना ही कोतरलिया के, सभी सकुशल वापस आ गए। जिसमें 70 साल का बुजूर्ग जो बमुश्किल चल-फिर पाता है वह भी तैरकर बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ज्यादातर लोग नाव के डूबने के बाद एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए थे। कुछ के कपड़े नाव में फंसे तो कुछ कपड़ा व सामानों के वजन के कारण तैर नहीं सके। जिस कारण उन लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई।

नाव डूबने ही मची चीख पुकार

नाव पलटने की घटना में बचकर आये अंजोरीपाली के ग्रामीण ललित यादव ने बताया कि वो लोग पथरसेनी से दोपहर तीन बजे देवी दर्शन और खाना पीना करके दोपहर 3 बजे वापस लौट रहे थे। तब उनके द्वारा नाव वाले से बोला गया कि दो बार करके सभी को नदी पार करा दे तब नाव वाला उनसे बोला है जाना है तो सब एक साथ चलो नही तो यहीं रूको। तब सभी एक साथ नाव में सवार हो गए। इसी बीच नदी में नाव जाते ही नाव में पानी भरने लगा ग्रामीणों के द्वारा बोला भी गया कि नाव में पानी भर रहा है इसके बावजूद नाविक कुछ नहीं होगा ।बोलते हुए नाव आगे बढाते रहा। इस बीच नाव डूबते ही मौके पर लोगों की चीख पुकार मच गई। तभी ललित यादव की पत्नी और उसका बच्चा दोनों डूब रहा था इस बीच ललित की पत्नी बोली कि मुझे मत बचाओ बच्चे को बताओ, जिसके बाद उनका बच्चा किसी तरह तैर कर बाहर निकल गया जिसके बार ललित ने किसी तरह अपनी पत्नी की जान बचाई।

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