यूपी में अब आसान नहीं गोकशी, 10 साल तक जेल और 5 लाख तक जुर्माने का है प्राविधान

लखनऊ, 27 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कांग्रेस के मैनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खानपान की आजादी को लेकर लगातार हमला कर रहे हैं। शुक्रवार को अपनी रैलियों के अलावा शनिवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर भी मीडिया से बातचीत में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर गोमांस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस देश का हिंदू गोमांस से पूरी तरह से परहेज करता है। गाय उसके लिए मां के समान है। कांग्रेस मुसलमानों को इसकी छूट देने का कुत्सित प्रयास कर रही है। यह कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश ने गोहत्या को लेकर प्रदेश में पहले से ही कड़ा कानून बना रखा है। इसके तहत, प्रदेश में गोकशी पर 10 साल की सजा और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, गोवंश के अंगभंग पर सात साल की जेल और 3 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा

योगी सरकार ने 2020 में ही गोकशी पर अध्यादेश लाने के साथ इसे कानून का रूप दिया था। उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अधिनियम 2020 में योगी सरकार ने कई नए प्राविधानों को जोड़ा था, जिससे प्रदेश में गोकशी करना आसान नहीं रह गया है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा और कड़ी कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। इससे पूर्व के कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था। लेकिन संशोधित अधिनियम में गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय किया गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा। अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो कोई किसी गाय या उसके गोवंश को ऐसी शारीरिक क्षति करता है, जो उसके जीवन को संकट में डाले या अंग भंग करे, उस व्यक्ति पर एक वर्ष से साथ वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

तस्करी पर अभियुक्त से वसूला जाएगा भरण-पोषण का खर्च

संशोधित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। पूर्व के कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। वहीं संशोधित कानून में अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। साथ ही चालक और ऑपरेटर भी दोषी होंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।

पिछले कानूनों में नहीं थी कड़े दंड की व्यवस्था

योगी सरकार ने 2020 में अध्यादेश और फिर अधिनियम बनाकर इसे प्रदेश में लागू किया था। इस कानून की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई थी, क्योंकि पूर्व के कानून में अनेक संशोधनों के बाद भी इस प्रकार की शिथिलता बनाए रखी गई जिसके कारण कानून का क्रियान्वयन जन आकांक्षाओं के अनुरूप प्रभावी रूप से नहीं किया जा सका और गाय तथा गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इसलिए कानून में संशोधन करके गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com