सात वर्ष में ढाई लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य भुगतान कर चुकी प्रदेश सरकार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने साबित कर दिया कि अन्नदाता किसान उनकी प्राथमिकता में हैं। योगी सरकार की तरफ से अब तक किसानों को कराए गए 2,50,138 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान इस बात की पुष्टि करते हैं। गौरतलब है कि यह राशि 1995 से मार्च 2017 तक (22 वर्षों) हुए कुल भुगतान से भी 36618 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं सोमवार के आंकड़ों के मुताबिक 24 घण्टे के भीतर विभिन्न चीनी मिलों की ओर से उप्र के गन्ना किसानों को 163.29 करोड़ का भुगतान किया गया है। चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग के मुताबिक 2007 से 2012 के मध्य किसानों को 52131, 2012-2017 तक 95215, 2017-2022 तक 1,66, 424 करोड़ तथा 2022 से अब तक 83713 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। विभाग के अनुसार वर्तमान सत्र 2023-24 में अब तक 29,053 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो कुल देय का 82.55 प्रतिशत है। वर्तमान सत्र में कुल संचालित 121 चीनी मिलों (8.40 लाख टी.सी.डी पेराई क्षमता) द्वारा अब तक 975.73 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए 103.28 लाख टन चीनी का उत्पादन किया जा चुका है।

पेराई सत्र 2022-23 में प्रदेश की कुल संचालित 118 चीनी मिलों में से निजी क्षेत्र की मात्र एक चीनी मिल का 213 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भुगतान छोड़कर शेष 37,838 करोड़ रुपये (99.44%) का भुगतान पूर्ण हो चुका है। पेराई सत्र 2022-23 में संचालित 118 चीनी मिलों द्वारा 1,098.82 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए 104.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। प्रदेश में मार्च 2017 से अब तक तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। 06 चीनी मिलों के पुनर्संचालन एवं 38 चीनी मिलों में क्षमता विस्तार से कुल 1,10,600 टी.सी.डी. की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन हुआ। इससे लगभग 1,21,660 लोगों के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ। प्रदेश में 285 नई खाण्डसारी इकाईयों की स्थापना से कुल पेराई क्षमता 73,700 टी.सी.डी. हो गई, इससे लगभग 41,800 लोगों को प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध हुआ। इसके अनुसार चीनी मिलों एवं खाण्डसारी इकाईयों में कुल 1,84,300 टी.सी.डी. की अतिरिक्त पेराई क्षमता सृजित हुई।

प्रदेश में गन्ना विभाग के अधीन कुल 3,208 महिला स्वयं सहायता समूह क्रियाशील है, जिनमें कुल 60,092 महिलाएं पंजीकृत हैं। इनके द्वारा अब तक 48 करोड़ गन्ना सीडलिंग का उत्पादन किया जा चुका है। इन्हें सिंगल बड से सीडलिंग उत्पादन पर 1.30 तथा बड चिप से सीडलिंग उत्पादन पर रू. 1.50 रुपये प्रति सीडलिंग की दर से अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2016-17 में एथनॉल का कुल उत्पादन 42.07 करोड़ लीटर था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 153.71 करोड़ लीटर हुआ। वर्ष 2023-24 में 31 मार्च तक 175.11 करोड़ लीटर एथनॉल बनाया जा चुका है। प्रदेश में गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने, खेती की लागत कम करने तथा कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु प्रथम चरण में 2.25 लाख इच्छुक गन्ना किसान जिनकी भू जोत 5 एकड़ से अधिक है, उनके लिए गन्ना शोध परिषद के केन्द्र मुजफ्फरनगर, शाहजहाँपुर एवं सेवरही में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिक सदस्यों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति 2023-24 में 20 प्रतिशत की प्राथमिकता 01 जनवरी, 2024 से प्रारंभ की गयी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com