पिछले एक हफ्ते में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और कारोबारों को लूटा गया या आग के हवाले किया गया. अब मंजर ऐसा है कि जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर ये सभी भारत से लगी सीमा पर ही जमा हो गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यहां पिछले एक हफ्ते में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और कारोबारों को लूटा गया या आग के हवाले किया गया. अब मंजर ऐसा है कि जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर ये सभी भारत से लगी सीमा पर ही जमा हो गए हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पर भी कुछ चिंताजनक दृश्य सामने आए हैं, जिनमें बांग्लादेश के ढाका, चटगांव, कमिला, ठाकुरगांव, नोआखली, बागेरहाट, नजीरपुर, फिरोजपुर, सिलहट और मदारीपुर इलाकों में हिंदू मंदिरों और घरों पर हमला होते हुए दिखाया गया है. ठाकुरगांव जिले में 800 से ज्यादा हिंदू अपनी सुरक्षा के डर से अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं.
सीमा पर घुसपैठ नाकाम
ठाकुरगांव जिले के एक स्थानीय सरकारी अधिकारी मोहम्मद रकीबुल हसन ने बताया कि बुधवार को करीब 700-800 हिंदुओं ने भारत भागने की कोशिश की, क्योंकि उनके कुछ घरों पर हमला किया गया और लूटपाट की गई. उन्होंने रॉयटर्स को बताया, “हमने सुरक्षा मुहैया कराई, जिसके बाद वे घर लौट आए.” गुरुवार की सुबह करीब 300 बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के पास एक सीमा बिंदु पर एकत्र हुए, लेकिन बाद में तितर-बितर हो गए. भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सीमा पर घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया है.
सिलहट में चरमपंथी प्रदर्शनकारियों ने कई घरों और मंदिरों में तोड़फोड़ की और वहां के हिंदुओं को अपनी संपत्ति खाली करने के लिए मजबूर किया गया. इसके अलावा, मदारीपुर के शिबचर उपजिला के उम्मेदपुर गांव में राधा गोविंद मंदिर को जला दिया गया, जबकि कोमिला में एक बाइक शोरूम को भी आग के हवाले कर दिया गया.
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