बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर बांग्लादेश की सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं के साथ भीषण हिंसा हुई. हिंसा की गूंज दुनिया भर में सुनाई दी. भारत सहित अन्य देशों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की खुलकर आलोचना की. कई संगठनों ने भी अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर चिंता जाहिर की. वैश्विक दवाब के बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उत्पीड़न करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले शासन ने कहा कि देश में हिंसा, टकराव और नफरत के लिए कोई भी जगह नहीं है.
सभी धर्म के लोग यहां साथ रहते हैं
बांग्लादेश के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने यह टिप्पणी की है. हुसैन ने आगे कहा कि बांग्लादेश सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने वाला देश है. यहां सभी धर्म के लोग बिना किसी गिला-शिकवा के साथ रहते है. इसलिए अगर कोई अल्पसंख्यक के साथ मारपीट करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
इस्कॉन बांग्लादेश के अध्यक्ष ने की थी मुलाकात
बता दें, इससे पहले इस्कॉन के एक प्रतिनिधिमंडल ने रिटायर्ड ब्रिगेडियर से उनके दफ्तर में मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे हमले और मंदिरों में हो रहे तोड़फोड़ के संबंध में बात की थी. इस्कॉन बांग्लादेश के अध्यक्ष सत्यरंजन बरोई के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने सरकार के सलाहकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी. उन्होंने इसके लिए आठ प्रस्ताव पेश किए थे, जिसमें निगरानी सेल की स्थापना से लेकर अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आयोग के गठन की मांग की गई थी. उन्होंने मंदिरों को अलग से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए भी कहा था. उनके विषयों पर हुसैन ने कहा था कि हम आपके इन सभी मुद्दों का समर्थन करते हैं.
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