मोक्ष प्राप्ति के लिए अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है. कल पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर अजा एकादशी व्रत पारण का समय क्या है आइए जानते हैं.
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी मनाई जाती है जिसमें भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. मोक्ष की प्राप्ति और पापों के नाश के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है. स्थानीय पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में इस दिन विशेष पूजा की जाती है इसकी खास पूजा विधि भी होती है. इस साल एकादशी तिथि अगस्त 29, 2024 को 01:19 ए एम बजे से प्रारंभ होगी जो अगले दिन अगस्त 30, 2024 को 01:37 ए एम बजे समाप्त होगी.
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब आप अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करने के लिए एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर उनकी मूर्ति स्थापित करें. धूप, दीप, फल, फूल, तुलसी दल, चंदन, रोली, अक्षत आदि सामग्री से पूजा करें. भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए ॐ नमो नारायण मंत्र का जाप करते हुए भगवान विष्णु को जल, पुष्प, धूप, दीप आदि अर्पित करें.
अजा एकादशी की कथा इस दिन पूजा के समय जरूर पढ़ी या सुनी जाती है. इसके बाद, अगर आप व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु से मोक्ष की प्राप्ति की प्रार्थना करें.
पारण का शुभ मुहूर्त
30 अगस्त को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय सुबह 07:49 ए एम से 08:31 ए एम तक का है. पारण तिथि के दिन हरि वासर 07 बजरप 49 मिनट पर समाप्त होगा.
अगले दिन द्वादशी तिथि के शुभ मुहूर्त में पारण किया जाता है. पारण के समय भगवान विष्णु को प्रणाम करके फलाहार ग्रहण करें. ध्यान रखें कि व्रत के दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करें मन और वाणी को पवित्र रखें और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन और शास्त्रों का अध्ययन जितना हो सके उतना करें.
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