सीरिया में विद्रोह के कारण बशर अल-असद की सत्ता खत्म हो गई है. अब चीजें पटरी पर आने लगी हैं. नई सरकार ने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया.
सीरिया में तख्तापलट हो गया है. राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता चली गई है. राष्ट्रपति असद ने देश छोड़ कर भाग गए हैं. सीरिया में हुए तख्तापलट के एक सप्ताह बाद अब चीजें धीरे धीरे लाइन पर आने लगी हैं. विद्रोही शासकों ने फिर से स्कूलों को खोलने के आदेश दिए हैं. रविवार को स्कूली छात्र छात्राएं कक्षाओं में लौट आए हैं.
अल्पसंख्यकों का धार्मिक अस्तित्व खतरे में नहीं नई विद्रोही सरकार
नए शासकों ने आश्वसन दिया है कि वे अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे. हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) ने कहा कि अल्पसंख्यक समूहों की जीवनशैली खतरे में नहीं है. असद सरकार से पहले ईसाइयों सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक स्वतंत्रता के साथ अपनी पूजा पाठ करते थे. हालांकि, कुछ लोग इस्लामवादी नई सरकार के अस्तित्व में आने से चिंतित हैं.
दमिश्क की सड़कों पर दिखाई दिए ईसाई श्रद्धालु
दमिश्क के ईसाई बाब तौम इलाके में रविवार सुबह लोग चर्च से आते दिखाई दिए. ईसाई श्रद्धालुओं से रोड भरी हुई थी. हालांकि, लोगों के मन में एक डर था. लोग सावधानी बरत रहे थे. स्थानीय ग्रीक मेल्काइट कैथोलिक चर्च से प्रार्थना करके लौट रहे एक निवासी ने कहा कि अब भी डरे हुए हैं. कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है.
असद सरकार में सुरक्षित थे ईसाई
लंबे वक्त से असद का गढ़ रहा समुद्री तटीय शहर लताकिया के सेंट जॉर्ज ग्रीक आर्थोडॉक्स कैथेड्रल के पैरिश काउंसिल सचिव लीना ने बताया कि धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता के मामले में ईसाई असद के शासन में सुरक्षित थे. असद सरकार में हम शांति और सद्भाव से रहते थे.
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