पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सज्जाद आलम को शनिवार सुबह उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा से गिरफ्तार किया गया। आरोपी बांग्लादेश भागने की तैयारी कर रहा था।
जांच कर रही पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो उसने भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उस पर फायरिंग कर दी। आलम को तीन गोलियां लगीं और वह जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। जहां, इलाज के दौरान उसकी शनिवार सुबह करीब आठ बजे मौत हो गई। आलम पहले से ही एक हत्या के मामले में आरोपी था।
15 जनवरी को आलम को उत्तरी दिनाजपुर जिले की इस्लामपुर स्थित जिला अदालत से उसी जिले के रायगंज स्थित सुधार गृह में वापस लाया जा रहा था। इसी दौरान उसने जिले के ग्वालपोखर इलाके में दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और भागने से पहले उन पर गोलियां चला दीं। गोली लगने से दो पुलिसकर्मी नीलकंठ सरकार और देवेन वैश्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी का फायदा उठाकर आलम घटनास्थल से फरार हो गया और तब से फरार था। हालांकि, दोनों पुलिसकर्मियों को इलाज चल रहा है।
हालांकि, उस समय यह सवाल उठ रहे थे कि आलम को एक विचाराधीन अपराधी के रूप में बंदूक कैसे मिली। राज्य पुलिस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि आलम का एक साथी अब्दुल शेख अभी भी फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
पश्चिम बंगाल पुलिस के महानिदेशक राजीव कुमार ने शुक्रवार शाम को कहा था, हम उचित जवाब देंगे। हम पुलिस बल में आम लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन अगर कोई पुलिस बल पर गोली चलाता है, तो हम चार गुना ताकत से जवाब देंगे।
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