शाश्वत तिवारी। भारत ने जनवरी 2022 से जनवरी 2025 के दौरान विभिन्न जरूरतमंद एवं विकासशील देशों को 12,154.88 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। इसके अलावा भारत ने इस अवधि के दौरान छह साझेदार देशों को एक ऋणदाता बैंक के माध्यम से ऋण एवं रियायती वित्तपोषण योजना के तहत 3.73 अरब अमेरिकी डॉलर के नए ऋण की पेशकश की है।
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय से जनवरी 2022 से जनवरी 2025 के बीच भारत द्वारा अन्य देशों को दी गई विदेशी सहायता, विकासात्मक सहायता और ऋण का विवरण मांगा गया था।
राज्य मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि भारत ने बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, अफगानिस्तान, मंगोलिया, मॉरीशस, सेशेल्स और अन्य विकासशील देशों सहित विभिन्न अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों को सहायता के तौर पर धनराशि मुहैया कराई है। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान सबसे अधिक सहायता भूटान को प्रदान की है, जिसे 2022-23 में 1763.10, 2023-24 में 720.18 और 2024-25 में 1019.74 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
सिंह ने बताया भारत सरकार ने जनवरी 2022 से जनवरी 2025 के दौरान छह साझेदार देशों को एक ऋणदाता बैंक के माध्यम से ऋण सहायता (एलओसी) और रियायती वित्तपोषण योजना (सीएफएस) के तहत नए ऋण की पेशकश की है। उपर्युक्त अवधि के दौरान इन साझेदार देशों को दिए गए ऋणों की कुल राशि 3.73 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इसमें पहले के ऋणों के तहत चल रही परियोजनाओं के लिए किए गए वितरण शामिल नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय से इस अवधि के बीच भारत को अन्य देशों से प्राप्त विदेशी सहायता, विकासात्मक सहायता और ऋण का विवरण भी पूछा गया। मंत्री द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, भारत सरकार बहुपक्षीय और द्विपक्षीय स्रोतों से बाहरी सहायता प्राप्त करती है और भारत को अप्रैल 2022 से मार्च 2025 की अवधि के दौरान 2,71,243 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए।
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