ब्रसेल्स/लंदन : रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के प्रयासों पर कड़ा प्रहार करते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन ने मंगलवार को रूस की ‘शैडो फ्लीट’ (छद्म तेल टैंकरों के बेड़े) पर नए और कठोर प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस की ऊर्जा आपूर्ति से होने वाली आय को सीमित करना है, जो युद्ध को आर्थिक रूप से संबल देती रही है।
यूरोपीय संघ ने 189 जहाजों को सीधे निशाने पर लिया है, जो कथित रूप से रूस से तेल और गैस अवैध रूप से पश्चिमी बाजारों तक पहुंचाते हैं। इन जहाजों को प्रतिबंधित कर दिया गया है और साथ ही कई रूसी अधिकारियों, कंपनियों और सहयोगी संस्थाओं पर भी संपत्ति जब्ती और यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं।
ईयू के विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन शांति की बातें करते हैं, लेकिन उनके कार्य इसके विपरीत हैं। रूस के साथ-साथ उसके समर्थकों को अब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ईयू ने उन संस्थाओं और कंपनियों पर भी निशाना साधा है जो इन जहाजों को बीमा, रखरखाव, और परिवहन सुविधा प्रदान करती हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और हांगकांग स्थित कंपनियां भी शामिल हैं।
ब्रिटेन ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए 100 नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा, “पुतिन के ताज़ा हमले एक बार फिर उनके युद्धोन्मादी रवैये को उजागर करते हैं। हम पूर्ण, बिना शर्त युद्धविराम की अपील करते हैं। ब्रिटेन के नए प्रतिबंधों में रूसी सैन्य आपूर्ति शृंखला, खासतौर पर इस्कंदर मिसाइलों से जुड़े नेटवर्क को भी निशाना बनाया गया है। इसके साथ ही 18 अतिरिक्त जहाजों को भी प्रतिबंध सूची में जोड़ा गया है।
क्या है ‘शैडो फ्लीट’-
‘शैडो फ्लीट’ या ‘डार्क फ्लीट’ उन पुराने और अस्पष्ट स्वामित्व वाले जहाजों का समूह है जो प्रतिबंधों से बचने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम बंद करके, धोखाधड़ी वाले बीमा के साथ और गलत दस्तावेजों के माध्यम से रूसी तेल और अनाज का परिवहन करते हैं। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, इस फ्लीट में करीब 500 जहाज शामिल हो सकते हैं।
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