गंगटोक : उत्तरी सिक्किम के मुंशीथांग में पर्यटकों को ले जा रहे एक वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो दिन बाद भी चालक सहित लापता हुए नौ पर्यटकों का अब तक पता नहीं चल पाया है। लापता लोगों को जीवित बचा पाने की संभावना अब लगभग समाप्त हो चुकी है। दूसरी ओर, शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश ने समस्या को और बढ़ा दिया है तथा खोज एवं बचाव कार्यों पर भी असर पड़ा है।
मंगन जिले के पुलिस अधीक्षक सोनाम डी. भोटिया ने आज दुर्घटना के बारे में जानकारी दी कि शुक्रवार रात भारी बारिश के कारण खोज एवं उद्धार अभियान प्रभावित हुआ। भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन हुआ है और तीस्ता नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि उद्धार दल लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण उन्हें परेशानी हो रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह घटना 29 मई की रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे के बीच हुई होगी। लाचुंग से 10 यात्रियों को लेकर आ रही वाहन मुंशीथांग के पास छोबोंपू में सड़क से करीब एक हजार फीट नीचे तीस्ता नदी में गिर गया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का कारण फिलहाल अज्ञात है और जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि पर्यटक दो वाहनों में लाचुंग से लौट रहे थे और दुर्घटनाग्रस्त वाहन पीछे से आ रहा था। चुंगथांग पहुंचने के बाद काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी वाहन नहीं पहुंचने पर चालकों ने मामले की सूचना चुंगथांग पुलिस को दी। चुंगथांग पुलिस के नेतृत्व में अग्निशमन कर्मियों, आईटीबीपी और ड्राइवरों की एक टीम लापता वाहन की तलाश में निकल पड़ी।
उन्होंने बताया कि रात करीब 10-11 बजे दुर्घटना स्थल का पता चलने के बाद खोज एवं उद्धार अभियान शुरू किया गया। दुर्घटना स्थल से दो लोगों को घायल अवस्था में बचाया गया और स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अगले दिन राजधानी के एसटीएनएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि वाहन को उत्तरी सिक्किम के सिंघिक निवासी पासांग शेरपा चला रहा था। वाहन में ओडिशा, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के पर्यटक सवार थे। उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान जारी है और लापता लोगों का पता जल्द ही चल जाएगा।