सुदृढ़ हुई यूपी की विद्युत व्यवस्था

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते आठ वर्षों में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को ऐसा स्वरूप दे दिया है, जिसकी आज पूरे देश में सराहना हो रही है। हर गांव, हर घर तक बिजली पहुंचाने का वादा अब जमीनी हकीकत बन चुका है। योगी सरकार के दोनों कार्यकाल में अब तक 1.78 करोड़ से अधिक विद्युत संयोजन निर्गत किए जा चुके हैं। इसमें प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक कनेक्शन यूपी से दिए गए, जिसके लिए भारत सरकार ने प्रदेश को विशेष पुरस्कार भी प्रदान किया। 2017 में प्रदेश के उपभोक्ताओं की कुल संख्या जहां 1.42 करोड़ थी, वह मार्च 2025 तक बढ़कर 3.61 करोड़ पहुंच चुकी है। इसमें से 3.56 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को मीटर्ड बिल दिया जा रहा है, जो पहले महज 1.08 करोड़ को ही मिलता था।

उत्तर प्रदेश अब उजाले का राज्य

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन आशीष गोयल ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की बिजली व्यवस्था में जो बुनियादी सुधार हुए हैं, उनसे न सिर्फ आपूर्ति बढ़ी है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित हुई है। अब उत्तर प्रदेश अंधेरे का नहीं, उजाले का राज्य है।” उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ बिजली पहुंचाने का काम नहीं किया, बल्कि एक सशक्त, भरोसेमंद और तकनीकी रूप से उन्नत प्रणाली विकसित की है। हर घर तक निर्बाध बिजली पहुंचाना ही हमारा ध्येय है।”

हर घर बिजली, हर मजरा हुआ रोशन

2017 तक प्रदेश में केवल 1.28 लाख मजरे विद्युतीकृत थे। 2017 से मार्च 2025 के बीच 1.21 लाख से अधिक मजरों को जोड़ते हुए शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा किया गया। अब प्रदेश के 2,49,818 मजरे पूरी तरह रोशन हो चुके हैं। इससे ग्रामीण अंचल में रहने वाले अन्नदाता किसानों के जीवनस्तर में बड़ा बदलाव आया है।

तकनीकी सुधार, बिजली बचत और विश्वसनीयता बढ़ी

जहां 2017 में लाइन हानि 21.47% थी, वह मार्च 2025 में घटकर 15.54% तक आ गई। इसी तरह, तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियां भी 32.80% से घटकर 16.50% पर आ गई हैं। यह सुधार पारदर्शी मीटरिंग, बेहतर लाइन रखरखाव और निगरानी से संभव हुआ।

बढ़ी बिजली आपूर्ति, अब गांवों तक रोशनी

मार्च 2025 तक ग्रामीण क्षेत्रों में औसत 20.06 घंटे, तहसीलों में 22.22 घंटे और ज़िलों में 24 घंटे तक बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। निर्धारित शेड्यूल के अनुसार जनपद मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसीलों में 21.30 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली का लक्ष्य है। 2014-17 के बीच जनपद मुख्यालयों में 17 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 12 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में महज 11 घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही थी।

सबस्टेशनों और लाइन विस्तार में भी रिकॉर्ड वृद्धि

▪️33/11 केवी सबस्टेशनों की संख्या 3817 से बढ़कर 4565

▪️400 केवी सबस्टेशन: 19 से बढ़कर 40

▪️220 केवी सबस्टेशन: 98 से बढ़कर 170

▪️उच्च विभव लाइनें: 33,172 से बढ़कर 58,672 सर्किट किमी

बिजली मांग और उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

31 मार्च 2017 को प्रदेश की पीक डिमांड 16,110 मेगावाट थी, जो 13 जून 2024 को 30,618 मेगावाट तक पहुंच गई। जून 2025 में पीक डिमांड रिकॉर्ड 31,487 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की उत्पादन क्षमता भी 2014 में 4839 मेगावाट से बढ़कर मार्च 2025 में 7800 मेगावाट हो चुकी है। कॉर्पोरेशन क अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में जो कार्य हो रहे हैं, आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र और भी बेहतर प्रदर्शन करके दिखाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com