देशभर में मानसून सक्रिय, अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार (24 जून) को जारी अपने पूर्वानुमान में देश के विभिन्न हिस्सों में आगामी दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इसके अनुसार, वर्तमान में देश के कई हिस्सों में सक्रिय मानसून प्रणाली के चलते व्यापक रूप से वर्षा होने की संभावना है, जिससे बाढ़, जलभराव और भूमि धंसने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। विशेषकर पूर्वी और मध्य भारत में मौसम का मिजाज अगले कुछ दिनों तक गंभीर बना रहेगा।

पश्चिमी मध्य प्रदेश में 24 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की आशंका जताई गई है। साथ ही 24 से 27 जून तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। इन क्षेत्रों में गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ लगातार बारिश जारी रहने की संभावना है। महाराष्ट्र के विदर्भ में 25 एवं 26 जून को भारी वर्षा हो सकती है जबकि सिक्किम और गंगीय पश्चिम बंगाल में भी मौसम सक्रिय रहने की चेतावनी दी गई है।

पश्चिम भारत की बात करें तो 24 से 29 जून के बीच गुजरात, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है। 24 जून को कोंकण में बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है। इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ तेज़ हवाएं चल सकती हैं। उत्तर-पश्चिम भारत में भी मानसून के असर से बारिश का दौर तेज होने वाला है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान में 24 से 29 जून के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इन क्षेत्रों में गरज-चमक, आंधी और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

पूर्वोत्तर भारत में भी अगले 7 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। साथ ही आईएमडी ने 24 जून को अरुणाचल प्रदेश में बहुत भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है। दक्षिण भारत में भी 24 से 27 जून के बीच केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। इन इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ने, तेज हवाएं (40-60 किमी प्रति घंटे की गति) चलने और समुद्र में हलचल की संभावना है।

आईएमडी के अनुसार, मानसून की उत्तरी सीमा अब राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर तक पहुंच चुकी है। आगामी 48 घंटों में मानसून दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और शेष उत्तर भारत में और आगे बढ़ सकता है। फिलहाल दक्षिण उत्तर प्रदेश, मध्य भारत, ओडिशा, सौराष्ट्र, कच्छ, असम और आंध्र-ओडिशा तट के पास ऊपरी हवा में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो वर्षा गतिविधियों को और गति दे रहा है।

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