बेंगलुरू : केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट)ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है। 3 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास आईपीएल की जीत के जश्न के दौरान हुई भीषण भगदड़ के सिलसिले में उन्हें निलंबित किया गया था। आपीएस अधिकारी ने अपने निलंबन को कैट में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति बी.के. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति संतोष मेहरा की अध्यक्षता वाली कैट की पीठ ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि विकास कुमार को उनके पूर्व पद, भत्ते और सुविधाएं बहाल की जाएं।
वरिष्ठ अधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा ने विकास कुमार की ओर से न्यायाधिकरण के समक्ष दलीलें रखीं, जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने न्यायाधिकरण से और समय की मांग की। लेकिन मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ इस निष्कर्ष पर पहुंची कि उनका निलंबन सही सिद्धांतों और प्रक्रिया के अनुसार नहीं किया गया था। लिहाजा कैट ने उन्हें उनके पूर्व पद पर बहाल करने का आदेश दिया।
दरअसल, 3 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम और उसके आसपास इलाकों में लाखों प्रशंसक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की आईपीएल में हुई जीत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए थे, उसी दौरान भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। आज भी राजनीतिक और सार्वजनिक दोनों ही हलकों में इस बात पर बहस चल रही है कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है?
घटना के बाद विकास कुमार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम संभाग) के पद से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस कार्रवाई के खिलाफ कैट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
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