शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश भारी तबाही मच रही है और आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य में 5 से 7 जुलाई तक कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा आज से -4 जुलाई तक येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। विभाग ने 8 जुलाई तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की चेतावनी देते हुए लोगों से सचेत रहने की अपील की है।
प्रदेश के कई हिस्सों में आज भी बादल छाए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान सोलन जिले के कसौली में सर्वाधिक 55 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा बागी में 54 मि.मी., धर्मपुर में 38 मि.मी., मंडी में 36 मि.मी., सराहन में 32 मि.मी. और सोलन में 28 मि.मी. बारिश हुई। लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन और जलभराव की घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार 20 जून से एक जुलाई के बीच राज्य में 51 लोगों की मौत और 103 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जबकि 22 लोग लापता हैं। इस अवधि में 55 कच्चे-पक्के मकान, 9 दुकानें और 45 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। अब तक 283 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
प्रदेश के मंडी जिले में स्थिति खराब बनी हुई है। सोमवार रात यहां के कई क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिले में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग लापता हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए थुनाग, गोहर, करसोग, धार जरोल और पांदव शिला क्षेत्रों में सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
अब तक 370 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। आपदा के कारण 24 मकान, 12 पशुशालाएं और एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि 30 मवेशियों की भी मौत हुई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य स्थानीय टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। थुनाग उपमंडल में सड़कों की हालत बेहद खराब है, जिससे राहत सामग्री पहुंचाना मुश्किल हो गया है। उपायुक्त ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना से आग्रह किया है कि हवाई मार्ग से राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाए।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस नुकसान पर गहरा दुख जताते हुए प्रभावितों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक आकलन के मुताबिक राज्य को अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से प्रशासन की चेतावनियों का पालन करने और खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है। इस बीच राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। नदियों और नालों के किनारे न जाने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आवाजाही से बचने की चेतावनी जारी की गई है।