कोरोना वैक्सीन ने बचाई लाखों लोगों की जान : एम्स

नई दिल्ली : देश के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के टीकों और दिल का दौरा पड़ने के बीच कोई संबंध नहीं है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स ) ने इस प्रकार की अटकलों को खारिज करते हुए आज कहा कि कोरोना के टीकों ने लाखों लोगों की जान बचाई है। गुरुवार को एम्स में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोवैक्सीन एवं कोविशील्ड कोरोना के प्रभावी टीके थे और उन्होंने मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महामारी के दौरान, जीवन बचाने के लिए टीके ही एकमात्र उपाय हैं। टीकों का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोगों पर किया गया और उन्होंने अत्यधिक मृत्यु दर को रोकने में प्रभावी भूमिका निभाई। अब तक इस्तेमाल किए गए टीकों की समीक्षा के लिए अचानक हृदय संबंधी मौतों पर एक अध्ययन किया गया था, लेकिन अचानक हृदयाघात से होने वाली मौतों का इन टीकों के साथ कोई स्पष्ट संबंध नहीं पाया गया।

वहीं, एम्स के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय राय ने कहा कि देश में जनवरी 2021 में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई। अब तक दुनियाभर में 13 अरब से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 12 वैक्सीन को मंजूरी दी है। डॉ. राय ने कहा कि वैक्सीन के फायदे ज्यादा हैं नुकसान बेहद कम। वैक्सीन से होने वाले गंभीर रिएक्शन 10 लाख लोगों में 30 से 70 लोगों में ही देखे गए। इसी तरह 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भारत में वैक्सीन नहीं दी गई। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक भी दी गयी है। युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं पर एम्स दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव नारंग ने इसके पीछे तीन प्रमुख कारण गिनवाए। हार्ट मसल का मोटा होना, मॉलिक्यूलर में बदलाव और पारंपरिक क्लॉटिंग है। वहीं, बुजुर्गों में हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्लॉटिंग है। कोविड के बाद लोगो में सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ी है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बढ़ा है। ऐसे में भारत में कोविड के बाद एकदम से दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ते दिख रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है।

डॉ. नारंग ने हृदयाघात से बचने के लिए कुछ जरूरी उपाय भी बताए। उन्होंने कहा कि जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें हृदयाघातकी संभावनाएं अधिक होती है। नियमित व्यायाम करना, खान पान में फल और सब्जी लेना और तनाव से दूर रहना इससे बचने के उपाय हैं। पेट की चर्बी को कम करने के उपाय करना चाहिए तथा नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए।

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