काठमांडू : प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए सत्तारूढ़ के सबसे बड़े राजनीतिक दल नेपाली कांग्रेस के पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अधिकांश नेताओं ने ओली के साथ गठबंधन तोड़ कर कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार गठन का सुझाव दिया है।
काठमांडू में नेपाली कांग्रेस केंद्रीय समिति की बैठक में अधिकांश केंद्रीय सदस्यों ने सरकार के कामकाज की आलोचना की है। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी के अधिकांश नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली की कार्यशैली का विरोध करते हुए जल्द से जल्द गठबंधन तोड़ने की वकालत की है। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. शेखर कोइराला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार में जरूर है, लेकिन सत्ता पर पूरी तरह से ओली का कब्जा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों की सरकार के भीतर नहीं चलती है। कोइराला का कहना है कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सत्ता में होने की अनुभूति ही नहीं हो रही है। डा. कोइराला ने कहा कि जितने अधिक दिनों तक ओली के साथ पार्टी का गठबंधन होगा, उतना ही अधिक नुकसान पार्टी को होगा। डा. कोइराला के इस प्रस्ताव का अधिकांश केंद्रीय सदस्यों ने समर्थन किया है।
बैठक में पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता विमलेन्द्र निधि ने कहा कि ओली की पार्टी गठबंधन के सामान्य शिष्टाचार को भी नहीं मान रही है, ऐसे में इस गठबंधन में रह कर पार्टी को सिर्फ नुकसान हो रहा है। इसी तरह पार्टी के सांसद एवं पूर्व विदेश मंत्री एनपी साउद ने ओली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य मान्यताओं वाली पार्टी वामपंथी विचार में रंगती जा रही है, जिससे देश की जनता के साथ-साथ अंतराष्ट्रीय समुदाय में भी पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का अपना सिद्धांत है, अपनी विचारधारा है, लेकिन ओली की सरकार टिकाने के लिए हम लगातार अपने सिद्धांत और विचारधारा के साथ समझौता करते जा रहे हैं।
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