नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (आईओसीएल) निवेशकों से अपने 5.05 करोड़ शेयररों को वापस खरीदेगी। इसके लिए कंपनी करीब 11 सौ करोड़ खर्च करेगी। केंद्र की ओर से बेहतर कारोबार और मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर इसके लिए जोर दिया गया है। ऐसी कंपनियों से कहा गया है कि अपनी अधिशेष राशि को देखते हुए कंपनियां अधिक लाभांश देकर सरकारी खजाने में योगदान करें अथवा जारी किये गये शेयरों की वापस खरीद की योजना पर अमल करें। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को आईओसीएल द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक उसके निदेशक मंडल ने शेयरों की पुनर्खरीद को मंजूरी दे दी है। यह पुनर्खरीद कंपनी की चुकता पूंजी के इक्विटी शेयरों और मुक्त आरक्षित कोष के दस प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। कंपनी के निदेशक मंडल ने दस रुपये अंकित मूल्य वाले 5.05 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद को स्वीकृति दी है। कंपनी की कुल चुकता पूंजी में इनकी हिस्सेदारी 4.45 प्रतिशत है। मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली आरआईएल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल खोज एवं उत्पादन करने वाली इस कंपनी के पास करीब 20,000 करोड़ रुपये का आरक्षित कोष है।
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