नई दिल्ली : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनसीएससी के अध्यक्ष किशोर मकवाना ने किया, उनके साथ सदस्य लवकुश कुमार और वड्डेपल्ली रामचंदर और सचिव जी. श्रीनिवास भी मौजूद थे।
इस रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों के लिए संवैधानिक प्रावधानों के कार्यकरण की व्यापक समीक्षा प्रस्तुत की गई है, जिसमें अनुसूचित जातियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों और अपराधों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट किया गया है। इसमें अनुसूचित जातियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं और सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ व्यापक समीक्षा, घटनास्थलों के दौरे और परामर्श से प्राप्त प्रमुख निष्कर्षों को रेखांकित किया गया है। आयोग ने संस्थागत जवाबदेही को सदृढ़ करने, न्याय सुनिश्चित करने और अनुसूचित जाति समुदायों के समग्र सशक्तिकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख सिफारिशें की हैं।
उल्लेखनीय है कि
भारत के संविधान अनुच्छेद 338 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को दिए गए अधिदेश के अनुसार, आयोग को अनुसूचित जातियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों के कार्यकरण पर भारत के राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष तथा समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है, जिसमें अनुसूचित जातियों के संरक्षण, कल्याण तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संघ तथा राज्य सरकारों द्वारा किए जाने वाले उपायों से संबंधित सिफारिशें शामिल होती हैं।