धोखाधड़ी मामले में भगोड़ी मोनिका कपूर का हुआ प्रत्यर्पण

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो दशक पुराने आयात-निर्यात धोखाधड़ी मामले में अमेरिका से फरार भगोड़ी मोनिका कपूर को भारत प्रत्यर्पित कर लिया है। सीबीआई ने इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में दी।

मोनिका कपूर पर साल 2002 में 2.36 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप था। वह मेसर्स मोनिका ओवरसीज की प्रोपराइटर थीं और अपने भाइयों राजन खन्ना तथा राजीव खन्ना के साथ मिलकर जाली निर्यात दस्तावेजों के आधार पर शुल्क-मुक्त सोने के आयात के लिए छह प्रतिपूर्ति लाइसेंस प्राप्त किए थे।

साल 1998 के दौरान, उन्होंने शिपिंग बिल, चालान और बैंक प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग करते हुए ये लाइसेंस मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद को प्रीमियम पर बेच दिए। जिसके चलते दीप एक्सपोर्ट्स ने इन लाइसेंसों का उपयोग कर शुल्क-मुक्त सोना आयात किया, जिससे सरकारी खजाने को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले की जांच पूरी होने के बाद 31 मार्च 2004 में इन लोगों पर आरोप पत्र दायर किया गया। राजन खन्ना और राजीव खन्ना को 2017 में दोषी ठहराया गया था। उस समय मोनिका कपूर जांच और मुकदमे में शामिल नहीं हुईं। उन्हें 2006 में अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था और 2010 में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।

सीबीआई ने 2010 में अमेरिका को उनका प्रत्यर्पण करने का अनुरोध भेजा था। कई सालों के गहन समन्वय के बाद, अब सीबीआई की एक टीम अमेरिका जाकर उन्हें भारत लाने में सफल हुई। सीबीआई ने कहा कि यह प्रत्यर्पण अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों को न्याय के कठघरे में लाने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मोनिका कपूर को भारत लाकर संबंधित अदालत में पेश किया जा रहा है और अब उन पर मुकदमा चलेगा।

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