संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति पर जताई चिंता

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि वैश्विक वकास से जुड़े केवल 35 प्रतिशत सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) ही तय समय तक हासिल होने की दिशा में हैं, जबकि शेष लक्ष्य या तो धीमी गति से आगे बढ़ रहे हैं या पीछे जा रहे हैं। उन्होंने इसे वैश्विक विकास का आपातकाल बताया।

महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में ‘सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2025’ जारी करते हुए संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कहीं। उन्होंने बताया कि बीते दस वर्षों में शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल पहुंच और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बाल विवाह में कमी आई है और महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

उन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि 80 करोड़ से अधिक लोग अब भी अत्यधिक गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। लगभग 18 प्रतिशत लक्ष्य पीछे की ओर जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, ऋण संकट और संघर्षों ने विकास की गति को बाधित किया है। महासचिव ने गाजा, यूक्रेन, सूडान और पश्चिम एशिया में शांति की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

अर्थव्यवस्था और सामाजिक मामलों के अवर महासचिव ली जुनहुआ ने रिपोर्ट के आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2010 के मुकाबले नए एचआईवी संक्रमण में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2000 से अब तक मलेरिया रोकथाम से 1.2 करोड़ जीवन बचाए गए हैं। 2015 से अब तक 11 करोड़ से अधिक बच्चों का स्कूलों में नामांकन हुआ है।

उन्होंने बताया कि विश्व की 92 प्रतिशत आबादी को अब बिजली की पहुंच है और इंटरनेट उपयोग 70 प्रतिशत बढ़ चुका है। लेकिन जल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं और महिलाओं की समान भागीदारी जैसे क्षेत्रों में अभी भी बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। रिपोर्ट में छह बदलावों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है—खाद्य, ऊर्जा, डिजिटल पहुंच, शिक्षा, रोजगार और जलवायु।

उल्लेखनीय है कि सतत विकास लक्ष्य वर्ष 2015 में तय किए गए थे, जिन्हें 2030 तक प्राप्त करना है। ये लक्ष्य गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई सहित 17 मुख्य क्षेत्रों में वैश्विक विकास को दिशा देने हेतु बनाए गए हैं।

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