इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मानसून की बारिश ने कहर बरपाया। आंधी-पानी और बाढ़ से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अकेले पंजाब प्रांत में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 62 घायल हो गए। खैबर पख्तूनख्वा में छह लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, दोनों प्रांतों में सोमवार को काले बादलों ने आसमान को चीर दिया। मूसलाधार बारिश से अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए। छतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। पिछले 24 घंटों में अकेले पंजाब में कम से कम नौ लोगों की जान चली गई। रावलपिंडी से राजनपुर और उसके आगे बाढ़ जैसा नजारा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत से अब तक देशभर में मानसून से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 111 हो गई है। सैकड़ों घर ढह गए हैं। निचले इलाकों में बाढ़ से बिजली ग्रिड प्रभावित हुए हैं। रावलपिंडी में चकरी इंटरचेंज के पास एम-2 मोटरवे पर एक यात्री बस बारिश फिसलकर पलट गई। इस हादसे में 50 वर्षीय समीना सहित चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। ओकारा के नईमाबाद में आसमानी बिजली गिरने से दो किशोरों की मौत हो गई।
पंजाब की मिंचिनाबाद तहसील के पाकपट्टन रोड पर बस्ती रशीद कोट में एक मदरसे की छत गिर जाने से दो बच्चों की तत्काल मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, जून के अंत में मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से 53 बच्चों सहित कम से कम 111 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस बीच पाकिस्तान के मौसम एवं विज्ञान विभाग ने 17 जुलाई तक पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान और कश्मीर में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। मुरी, गल्यात, मनसेहरा, स्वात और उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भू-स्खलन की चेतावनी जारी की है।
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