सर्वदलीय बैठक में रिजिजू ने कहा- सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर निर्धारित नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है। 17 विधेयकों पर चर्चा होगी। राजनीतिक दलों की अलग-अलग विचारधारा हो सकती है, लेकिन सदन अच्छी तरह से चले, यह सरकार के साथ विपक्षी दलों की भी जिम्मेदारी है।

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के फ्लोर नेताओं की एक बैठक हुई। आज 51 दलों के 54 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। 40 लोगों ने अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी। यह बहुत रचनात्मक थी। सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी पार्टियों की स्थिति और उन मुद्दों के बारे में बताया, जो वे इस सत्र में लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर निर्धारित नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की अलग-अलग विचारधारा हो सकती है, लेकिन सदन अच्छी तरह से चले यह सरकार के साथ विपक्षी दलों की भी जिम्मेदारी है। किरेन रिजिजू ने कहा कि छोटे राजनीतिक दलों, खासकर जिनके पास 1-2 सांसद हैं, को बोलने के लिए कम समय मिलता है, क्योंकि समय उनकी संख्या के अनुसार आवंटित किया जाता है। लेकिन हमने इसका संज्ञान लिया है। हम छोटे दलों को पर्याप्त समय आवंटित करने पर सहमत हुए हैं। हम इसे लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष रखेंगे और फिर हम इस मुद्दे को कार्य मंत्रणा समिति में उठाएंगे।

बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, शिरोमणि अकाली दल से हरसिमरत कौर, भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस से गौरव गगोई, एआईएडीएमके से थंबी दुरई पहुंचे। एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, डीएमके से टीआर बालू, आरजेडी से प्रेमचंद्र गुप्ता, जेडीयू से संजय झा, समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर राम गोपाल यादव, कांग्रेस से प्रमोद तिवारी और के. सुरेश बैठक में पहुंचे। इसके अलावा सर्वदलीय बैठक में चंद्रशेखर आजाद, अनुप्रिया पटेल, रामदास आठवले, तिरुचि शिवा सहित कई नेता पहुंचे।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि इस बार हमें पहले से ज़्यादा उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी सदन के ज़रिए देश को संबोधित करेंगे। पहलगाम पर सरकार को अपनी बात रखनी होगी। आज अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जो बयान आ रहे हैं, वो किसी न किसी तरह से भारत की गरिमा पर, भारतीय सेना के शौर्य पर सवाल खड़े करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब सिर्फ़ प्रधानमंत्री ही दे सकते हैं। दूसरी बात, आज वोट के अधिकार को लेकर अहम सवाल उठ रहे हैं। जिस तरह से चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों से बात करने से कतरा रहा है, तो सरकार का मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री का फ़र्ज़ है कि वो सदन के अंदर सरकार का पक्ष रखें।

एनसीप (शरदपवार) सांसद सुप्रिया सूले ने कहा कि बैठक में हमने ऑपरेशन सिंदूर, किसानों, महंगाई, बेरोजगारी पर चर्चा की मांग की है। कई सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रम्प के टैरिफ के संबंध में बयान पर चर्चा की मांग की है। देश को इन सब सवालों के जवाब देने की जरूरत है। विभिन्न राज्यों में हिंदी भाषा के मुद्दों सहित कई मुद्दे हैं। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करें।

बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि इस सत्र में बीजू जनता दल ओडिशा को विशेष श्रेणी का दर्जा प्रदान करने, पोलावरम और महानदी विवादों के समाधान, कोयला रॉयल्टी संशोधन, ग्रीन टैक्स, तटीय राजमार्ग के निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, नए एम्स अस्पतालों की स्थापना, रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार, डिजिटल, बैंकिंग के साथ-साथ मोबाइल और किसानों के अलावा अन्य कनेक्टिविटी, एमएसपी को दोगुना करने आदि सहित आदिवासी विकास के विभिन्न मुद्दों की मांग जारी रखेगा।

संसद में पेश होने वाले प्रमुख विधेयक

इस मानसून सत्र में कई अहम विधेयक पेश किए जाएंगे, जो विभिन्न क्षेत्रों में अहम बदलाव ला सकते हैं। इनमें कुछ नए विधेयक और कुछ पुराने विधेयकों में संशोधन शामिल हैं। सरकार इस मानसून सत्र में 8 नए विधेयक (बिल) पेश करने जा रही है। जिसमें नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल, मणिपुर जीएसटी संशोधन बिल, जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) बिल, कर कानून (संशोधन) विधेयक, भू-धरोहर स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, राष्ट्रीय महत्व की भू-संरचनाओं के संरक्षण के लिए और मर्चेंट शिपिंग बिल और इंडियन पोर्ट्स बिल शामिल हैं। इसके साथ सरकार इस सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाएगी।

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