ओडिशा के कटक रेलवे स्टेशन पर बुधवार दोपहर अचानक हुए हादसे ने यात्रियों और रेल प्रशासन दोनों को हिलाकर रख दिया. प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 पर निर्माणाधीन छत का एक हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा. यह हादसा इतना अचानक हुआ कि स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और कामगारों के बीच अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे.
पटरी पर आ गिरे शेड्स
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोपहर करीब ढाई बजे प्लेटफॉर्म पर सामान्य भीड़ मौजूद थी. तभी ऊपर चल रहे काम के दौरान छत का कुछ हिस्सा ढह गया और लोहे के साथ-साथ शेड के बड़े-बड़े टुकड़े सीधे नीचे पटरी और प्लेटफॉर्म पर आ गिरे. गनीमत रही कि उस समय कोई यात्री बिल्कुल पास में नहीं खड़ा था, वरना स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी.
कुछ देर तक ट्रेनें हुई प्रभावित
छत का मलबा सीधे ट्रैक पर गिरने से ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. कुछ समय तक प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 पर ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हादसे की वजह से कई ट्रेनों को देरी से चलाना पड़ा और कुछ को नजदीकी स्टेशनों पर रोककर रखा गया. यात्रियों को बार-बार अनाउंसमेंट के जरिए जानकारी दी जाती रही कि सेवाएं सामान्य होने में समय लगेगा.
मौके पर पहुंची टीम
रेलवे की तकनीकी और इंजीनियरिंग टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू कर दिया. सबसे पहले प्रभावित क्षेत्र को यात्रियों के लिए पूरी तरह सील कर दिया गया, ताकि किसी तरह की और दुर्घटना न हो. इसके बाद भारी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ. रेल प्रशासन ने कहा है कि ट्रैक को पूरी तरह साफ करने और सेवाएं बहाल करने में कुछ घंटे का समय लग सकता है.
नहीं हुई कोई हताहत
फिलहाल राहत की बात यह है कि हादसे में किसी के घायल होने या मौत की खबर नहीं है. हालांकि, कुछ कामगारों को हल्की चोटें आईं लेकिन उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराएंगे. प्राथमिक तौर पर आशंका जताई जा रही है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन ठीक से नहीं किया गया, जिसके चलते यह हादसा हुआ.
आखिर कैसे हुई चूक?
स्थानीय लोगों और यात्रियों ने भी सवाल उठाया है कि जब स्टेशन पर हजारों लोग रोजाना आते-जाते हैं, तो निर्माण कार्य के दौरान इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है. उनका कहना है कि यह घटना रेलवे की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है. रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया जाएगा. निर्माण स्थल की नियमित जांच और निगरानी की जाएगी, ताकि किसी भी लापरवाही की गुंजाइश न बचे.
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