‘भारत के स्किल्ड युवा टैलेंट में वैश्विक जरूरत पूरा करने की क्षमता’, पीएम मोदी ने जापान को दिया साथ आने का न्योता

टोक्यो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के मैन्युफैक्चरर्स को भारत में आकर काम करने का न्योता दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि आइए, हम भारत में बनाएं, विश्व के लिए बनाएं। उन्होंने मैन्युफैक्चरर्स से कहा कि सुजुकी और डाइकिन की सक्सेस स्टोरीज आपकी भी सक्सेस स्टोरीज बन सकती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिजनेस जगत के दिग्गजों से चर्चा के साथ अपने जापान दौरे की शुरुआत की। भारत-जापान इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री इशिबा का आभार व्यक्त किया। इस दौरान, उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में, जापान हमेशा एक अहम पार्टनर रहा है। मेट्रो से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्ट-अप्स तक हर क्षेत्र में हमारी साझेदारी आपसी विश्वास का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि भारत में पॉलिटिकल और इकोनॉमिक स्टेबिलिटी है। पॉलिसी में पारदर्शिता और प्रीडिक्ट-अबिलिटी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेज ग्रो करने वाली मेजर इकॉनमी है और हम बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने जा रहे हैं।

इकोनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 11 साल में भारत में किए गए रिफॉर्म्स का जिक्र किया और कहा कि इसके पीछे का संकल्प विकसित भारत बनाने का है। उन्होंने जापान के साथ मिलकर अलग-अलग क्षेत्र में किए गए कामों का उल्लेख किया।

पीएम मोदी ने आह्वान करते हुए कहा, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो सेक्टर में भारत-जापान की भागीदारी बेहद सफल रही है। दोनों देश वही मैजिक साथ मिलकर बैटरीज, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, शिप-बिल्डिंग और न्यूक्लियर एनर्जी में दोहरा सकते हैं। साथ मिलकर ग्लोबल साउथ, विशेषकर अफ्रीका के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का जिक्र करते हुए कहा कि जापान टेक पावर हाउस है और भारत एक टैलेंट पावर हाउस। उन्होंने कहा, भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में साहसिक और महत्त्वाकांक्षी पहल की है। जापान की टेक्नोलॉजी और भारत की टैलेंट मिलकर इस सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकते हैं।

इसी तरह, पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन, अगली पीढ़ी का इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्किल डेवलपमेंट और लोगों के बीच संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोलर सेल और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्रों में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं। ज्वाइंट क्रेडिट मैकेनिज्म का लाभ उठाकर क्लीन और ग्रीन फ्यूचर के निर्माण में सहयोग किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का स्किल्ड युवा टैलेंट वैश्विक जरूरतें पूरी करने की क्षमता रखता है। इसका लाभ भी जापान उठा सकता है।

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