सरकार ने गरीब लोगों को फोकस में रखकर उठाया कदम, सस्ती होंगी जरूरी मेडिकल डिवाइस : फार्मा इंडस्ट्री

नई दिल्ली : सरकार की ओर से दवाइयों और मेडिकल डिवाइस पर जीएसटी की दरों को कम किए जाने का फार्मा इंडस्ट्री ने गुरुवार को स्वागत किया और कहा – यह गरीब लोगों को फोकस में रखकर उठाया गया कदम है। इससे मेडिकल की कीमतें कम रखने में मदद मिलेगी।

एसोसिएशन ऑफ द इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (आईएमईडी) में फोरम कॉर्डिनेटर राजीव नाथ ने कहा कि जनता और इंडस्ट्री इस कदम का लंबे समय में इंतजार कर रही थी। इसमें सरकार ने एक ही बार में ज्यादातर मेडिकल डिवाइस पर टैक्स को 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इससे घरों में उपयोग होने वाले ज्यादातर मेडिकल डिवाइस जैसे थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी उपकरण और डायग्नोस्टिक किट आदि की लागत में कमी आएगी और आम जनता के लिए कीमतें कम हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि नई दरों से एमएसएमई को भी फायदा होगा, क्योंकि अधिक जीएसटी के कारण उनका उत्पाद महंगा हो रहा था और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता भी प्रभावित हो रही थी।

फार्माएक्सेल के एमएसएमई चेयरमैन निपुण जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब लोगों को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है और जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। मुझे लगता है कि इससे आम आदमी को राहत मिलेगी।

सरकार की ओर से जीवन रक्षक दवाओं, स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों और कुछ चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर 12 प्रतिशत/18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दी गई है।

व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया गया है। वहीं, थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर सहित नियमित उपयोग की जाने वाली अधिकांश मेडिकल डिवाइस अब 5 प्रतिशत कर दायरे में आएंगी।

इसके अलावा फाइनेंशियल एक्सपर्ट प्रफुल्ल सारदा ने कहा कि रोजमर्रा की जरूरतों, शिक्षा, बीमा, डेयरी उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी कम करना एक अच्छा कदम है। इससे निम्न मध्यम वर्ग, वेतनभोगी, छोटे व्यवसायी और अन्य लोग आगामी त्योहारों के मौसम में ज्यादा खर्च कर पाएंगे। यह सभी के लिए बड़ी राहत है। कई चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह एक समझदारी भरा राजनीतिक कदम भी है।

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