नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य पाने के लिए युवाओं को नशे से बचाना आवश्यक है। नशे की चपेट में आने पर युवा शक्ति कमजोर होगी और देश का भविष्य खतरे में पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश से इस समस्या के पूरी तरह खात्मे को लेकर काम कर रही है। शाह ने कहा कि इस उद्देश्य से गृह मंत्रालय शीघ्र ही डिपोर्टेशन और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी करने जा रहा है।
गृह मंत्री ने आज यहां राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मादक पदार्थ विरोधी विशेष कार्यबल के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधन किया। उन्होंने कहा कि विश्व में नशे की आपूर्ति दो बड़े क्षेत्रों से होती हैं। दोनों क्षेत्र भारत के निकट हैं। इसलिए हमें कठोर कदम उठाना जरूरी है। नशे का कार्टेल व्यापार तीन स्तर पर है। पहला देश की सीमा, दूसरा राज्यों तक वितरण और तीसरा राज्यों में छोटी दुकानों और गलियों तक बिक्री करता है। सभी स्तर पर सक्रिय कार्टेल को समाप्त करना आवश्यक है।
गृहमंत्री ने कहा कि विदेशों में बैठे तस्करों पर भी कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए प्रत्यर्पण और निर्वासन की प्रक्रिया तेज करनी होगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने इस दिशा में सराहनीय काम किया है। सभी राज्य इकाइयों को इसके साथ जुड़ना चाहिए। गृह मंत्रालय जल्द ही मानक प्रक्रिया जारी करेगा।
शाह ने कहा कि प्रत्येक जिले में मादक पदार्थ विरोधी अभियान मजबूत करना होगा। उन्होंने अपील की कि पुलिस के साथ शिक्षा अधिकारी, धार्मिक नेता और युवा संगठन अभियान का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि नशे की प्रयोगशालाओं का नाश करना आवश्यक है। नशा उपलब्ध रहने पर लोग पुनर्वास की ओर नहीं बढ़ते। नशा बंद होने पर ही परिवार और समाज उपयोगकर्ताओं को उपचार के लिए प्रेरित करेंगे। शाह ने कहा कि यह लड़ाई सबको मिलकर लड़नी होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार में 40 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स पकड़े गए थे। वहीं भाजपा-नीत राजग सरकार में बीते 10 सालों में 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स पकड़े गए हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।———–
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