हनुमानजी को दलित कहकर मुश्किल में सीएम योगी

कोर्ट में परिवाद दायर, 10 दिसम्बर को होगी सुनवाई

लखनऊ : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमानजी को दलित कहकर मुश्किलें बढ़ा ली हैं। योगी के इस बयान को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए अधिवक्ता त्रिलोक चंद्र दिवाकर ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। जिस पर दस दिसंबर को सुनवाई होगी । गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज जायसवाल की कोर्ट ने परिवाद प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तिथि तय की है। इस तिथि पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी ।

परिवाद के प्रार्थना पत्र में वकील ने स्वयं को इंटरनेशनल हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड की परामर्शदात्री समिति का अध्यक्ष बताया है। कोर्ट में दाखिल परिवाद में कहा गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान निंदनीय है। उनके इस बयान से हिंदू समाज के साथ ही मेरी भावनाओं को ठेस पहुंची है। हनुमान जी के लिए दलित शब्द का प्रयोग करना धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। ऐसे में मुख्यमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ।

बताते चलें कि सीएम योगी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान अलवर में अपने भाषण में हनुमान जी के लिए दलित शब्द प्रयोग करते हुए जनसभा को संबोधित किया था। सीएम योगी द्वारा हनुमान जी को दलित बताने पर सियासी गलियारों में माहौल गर्म है। हालांकि सीएम योगी के इस बयान के बाद अभी तक भाजपा अथवा योगी की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गयी है

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