अलग दल की चाहत, राजा भैया ने दिखाई ताकत!

-राघवेन्द्र प्रताप सिंह

लखनऊ : राजनैतिक जीवन की 25 वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रतापगढ़ जिले की कुण्डा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नयी पारी का आगाज किया। हालांकि उनकी नयी पार्टी को अभी नाम नहीं मिला है लेकिन मंच पूरी तरह तैयार हो गया और भीड़ भी लाखों की संख्या में जुटी। भीड़ और समर्थकों से घिरे और गदगद दिख रहे राजा भैया ने भी जहां सवर्ण समाज की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया तो यह भी साफ करने से नहीं चूके कि वह यह युद्ध दलितों और समाज के अन्य वर्गों के दम पर ही छेड़ेंगे। अपने सम्बोधन में उन्होंने हर मुद्दे को छुआ जो सीधे-सीधे गांव, गरीब, किसान, नौजवान, सैनिक, अगड़े-पिछड़े को प्रभावित करता है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में 25 साल पहले पदार्पण करने वाले प्रतापगढ़ जिले के कुण्डा राजघराने के राजकुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया लगातार छह बार कुण्डा विधानसभा सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कभी किसी भी दल का दामन नहीं थामा और निर्दलीय रहते हुए ही हर बार फतेह हासिल की। लेकिन राजनैतिक जीवन में 25 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने अपनी कयादत में पार्टी बनाने का सार्वजनिक मंच से ऐलान किया। बाहुबली विधायक के रुप में विख्यात राजा भैया ने बीती 16 नवम्बर को ही आज के दिन राजधानी लखनऊ में रैली करने का ऐलान किया था। इसके लिए उन्होंने राजधानी में भीड़ के लिहाज से सर्वाधिक क्षमता वाले रमाबाई अम्बेडकर मैदान का चयन किया था। इस मैदान के बारे में कहा जाता रहा है कि इसे सिर्फ और सिर्फ बसपा मुखिया मायावती ही भर सकती हैं लेकिन राजा भैया ने अपनी ताकत का आज जो अहसास कराया उससे साफ हो गया कि वे भी मैदान भरने की क्षमता रखते हैं।

भारी भीड़ और तुरही सहित विभिन्न वाद्य यंत्रों की स्वर लहरी के बीच  ‘‘…..जय रघुराज… .. जय रघुराज… .जय-जय, जय-जय, जय रघुराज….’’  के नारों से उत्साहित राजा भैया को अपना सम्बोधन शुरु करने से पहले लोगों को शांत कराने के लिए कहना पड़ा कि ‘‘भैया नारा बन्द करिके, तनि बतिया सुन लें।’’ उनके निवेदन के बाद नारों की तीव्रता में कमी आयी जिसके बाद उन्होंने कहा कि मजदूर, किसान और नौजवान इनके लिए समर्पित होगी यह पार्टी, जिसका नाम जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी अथवा जनसत्ता लोकतांत्रिक दल में से एक होगा। पार्टी के चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रगति पर है। इस मौके पर सवर्णों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एससी-एसटी का एक्ट पूरे देश में दुरुपयोग किया गया। न्यायालय ने कहा था कि यह उचित नहीं, कोर्ट ने उसमे संशोधन किया। इसके बाद सरकार अध्यादेश लाकर पहले से भी दमनकारी कानून ले आयी और राजनीतिक दल एक मत होकर इसमं साथ रहे। उन्होंने कहा जब सामाजिक विद्वेष का बीज बोया जा रहा था, जब समाज में असमानता की नींव रखी जा रही थी, तब ऐसा करने वाले लोगों और किसी राजनीतिक दल को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि एक दिन रमाबाई आम्बेडकर मैदान में सामजिक विद्वेष और असमानता के खिलाफ आप सब खड़े हो जाएंगे और इतनी विशाल, इतनी बड़ी जनसत्ता रैली हो जायेगी।

इसी के साथ ही उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी और स्वयं वे दलितों के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन जब संविधान में समानता का अधिकार दिया गया तो फिर विभेद क्यों होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बहनें और बेटियां सबकी बराबर होती हैं, फिर केवल दलित की बेटी को उत्पीड़न पर मुआवजा क्यों ? इसके बाद उन्होंने जोड़ा कि जरूर उन्हें भी मिले मुआवजा उनका बंद करने को हम नहीं कह रहे हैं, परन्तु हर उत्पीड़ित बेटी-बहन को यह हक मिले, क्या मुआवजा भी जाति देखकर दिया जाना चाहिए? इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं का भी उल्लेख किया तो सीमा पर देष की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों का भी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सेना और अर्धसैनिक बलों को शहादत पर एक करोड़ की सहायता, गन्ना किसानों को उनकी उपज का एक सप्ताह में भुगतान, संविधान द्वारा मिले हुए समानता के मौलिक अधिकार के अनुसार सभी को उनका हक-अधिकार दिलाएगी।

इस दौरान राजा भैया ने एक चिड़िया की कहानी सुनाते हुए कहा कि जंगल में लगी आग को जब एक चिड़िया चोंच में पानी लाकर बुझाने में लगी, तो उससे सवाल हुआ कि ये क्या ? इससे आग बुझेगी क्या ? चिड़िया ने जवाब दिया कि मुझे पता है कि मुझ छोटी के प्रयास से यह आग भले ना बुझे पर जब इतिहास लिखा जाएगा तो में मेरा नाम, आग लगाने वालों में नहीं आग बुझाने वालों में लिखा जाएगा। साथ ही उन्होनें एक तरह से स्वीकार करते हुए कहा कि इतनी बड़ी रैली, अपार भीड़, जनता जनार्दन के इतने बड़े जमावाड़े की उम्मीद न तो खुद हमको थी, ना ही अन्य राजनैतिक पार्टियों को। रैली के मंच पर रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के भाषण पूरा होने के बाद, कभी सपा के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा रहे शिवपाल सिंह यादव जो कि अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अपनी पार्टी बना चुके हैं, का शुभकामना सन्देश भी पढ़कर सुनाया गया। इससे यह कयास लगाया जा सकता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यह दोनों दल एक साथ भी आ सकते हैं। राजा भैया के साथ मंच पर पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार, विधायक विनोद सरोज, और अपने भ्राता जस परम सहयोगी अक्षय प्रताप सिंह ‘गोपाल जी’ आदि मौजूद रहे।

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