कैराना व नूरपुर उपचुनाव में जीत को लेकर पार्टियों ने किये अपने-अपने दावे

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की चुप्पी ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के नतीजों को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है। सोमवार को भीषण गर्मी व ईवीएम में व्यापक गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बावजूद मतदान 50 प्रतिशत से अधिक होना शुभ संकेत है। मतदान खत्म होने के साथ जीत-हार के अनुमान लगने भी शुरू हो गए। भाजपा जहां अपनी सीट बचाए रखने का दावा मजबूती से कर रही है, वहीं विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल अपनी विजय सुनिश्चित बता रहे हैं। ऐसे में बसपा के नेताओं की खामोशी ने उपचुनाव नतीजों की उत्सुकता बढ़ा दी है।

कैराना लोकसभा व नूरपुर विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन में सीधी टक्कर रही। सपा रालोद के उम्मीदवारों को कांग्रेस व अन्य दलों का समर्थन स्थानीय स्तर पर मिला लेकिन, बसपा नेतृत्व की चुप्पी को लेकर उसके समर्थक पशोपेश में रहे। उनका कन्फ्यूजन शनिवार को राष्ट्रीय कमेटी की लखनऊ बैठक में मायावती द्वारा कोई निर्देश न देने से और बढ़ा।

उल्लेखनीय है कि गत लोकसभा चुनाव में कैराना क्षेत्र में बसपा को 1,60,414 वोट मिले थे। इसी तरह नूरपुर विधानसभा सीट पर बसपा को वर्ष 2017 में 45,791 वोट हासिल हुए थे। उक्त चुनावोंं में बसपा को मिला वोट किस ओर गया, इसको लेकर भाजपा और विपक्षी अलग दावे कर रहे हैं, देखना है कि नतीजे किसके पक्ष में होंगे।

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी व प्रशासन के भारी दुरुपयोग के बावजूद भाजपा की हार सुनिश्चित है। सरकार की नीयत और नीतियां खराब होने के कारण जनता ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे का भी कमोबेश यही कहना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के खिलाफ केवल विपक्ष ही नहीं जनता भी लामबंद है। कैराना व नूरपुर ही नहीं, जनता भाजपा को वर्ष 2019 में भी सबक सिखाएगी। 

कैराना व नूरपुर के उपचुनाव में खराबी वीवीपैट की निकली, लेकिन दिन भर हंगामा ईवीएम को लेकर होता रहा। राजनीतिक दलों की शिकवा शिकायतों के बीच सायंकाल चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि खराबी वीवीपैट में थी। सिर्फ छह ईवीएम खराब होने की सूचनाएं प्राप्त हुईं हैं। आयोग के अनुसार कैराना संसदीय क्षेत्र में 54.17 फीसद मतदान और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में 61 फीसद मतदान हुआ है। छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण रहा।

कैराना-नूरपुर में मतदान शुरू होने के दो-तीन घंटे बाद ही राजनीतिक दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। इनमें सत्ताधारी दल भाजपा से लेकर सपा व रालोद सभी थे। सपा और रालोद ने गड़बडिय़ों की सूची आयोग को भेजी तो भाजपा ने भी अपनी तरफ से एक सूची भेजी। चुनाव आयोग भी पल-पल की रिपोर्ट दोनों क्षेत्रों से लेता रहा।

मतदान समाप्ति के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बताया कि गड़बड़ी ईवीएम में नहीं, बल्कि वीवीपैट में हुई है। उन्होंने बताया कि छह ईवीएम खराब होना सामान्य बात है, लेकिन 384 वीवीपैट खराब होना सामान्य से अधिक है। हालांकि चुनाव आयोग ने कुल 2056 पोलिंग बूथों के लिए 540 वीवीपैट का अतिरिक्त इंतजाम पहले से कर रखा था, इस वजह से परेशानी नहीं आई।  

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वीवीपैट खराबी की तकनीकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार भीषण गर्मी थी जिसके कारण वीवीपैट में लगे सेंसर ने काम करना बंद कर दिया। इस कारण वीवीपैट हैंग हो गईं। सभी जगह वीवीपैट बदलकर मतदान कराया गया। जहां दो घंटे से ज्यादा समय के लिए मतदान प्रभावित हुआ, वहां पुनर्मतदान कराया जाएगा। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट मंगाई गई है। सभी जगह की रिपोर्ट आने के बाद पुनर्मतदान का फैसला होगा। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए कुल 2056 पोलिंग बूथों के लिए 2651 ईवीएम व 2596 वीवीपैट रखे गए थे।

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