शिक्षा सुधार की मेरी मांग मान ली जाएं तो सियासी मुद्दे छोड़ दूंगा : उपेंद्र कुशवाहा

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष तथा केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार शिक्षा सुधार की उनकी मांगों को मान ले तो जनहित को देखते हुए सीट शेयरिंग और अपने व्यक्तिगत अपमान जैसे राजनीतिक मुद्दों को वह छोड़कर उनके साथ हो लेंगे। राजनीतिक जनतांत्रिक गठबंधन में रहने अथवा उसे छोड़ महागठबंधन का हिस्सा बनने के पिछले कुछ दिनों से चल रहे कयासों के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को यहां कहा कि शिक्षा सुधार जैसे जनहित मामले यदि दिखे तो वह सीट शेयरिंग की अपनी मांग को दरकिनार कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीच जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उनके अपमान को तथा उनकी पार्टी को तोड़ने से किए गए प्रयासों को भी वह जनता के हित में दरकिनार कर उसे भूल सकते हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी शिक्षा संबंधित मांगों को नीतीश कुमार यदि सार्वजनिक रूप से मानने की घोषणा करें और उस पर अमल करने का विश्वास दिलाएं तो सीट शेयरिंग, मान-अपमान सब कुछ भूलकर वह उनके साथ रहेंगे। औरंगाबाद के देवकुंड और नवादा में केंद्र की तरफ से प्रस्ताव स्वीकृत होने के बावजूद विगत कई महीनों से बिहार सरकार द्वारा केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए जमीन नहीं दिए जाने के कारण राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए 8 और 9 दिसंबर को उपवास के अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि नीतीश कुमार की सरकार 8 दिसंबर तक दोनों स्थानों पर केंद्रीय विद्यालय बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा कर दे तो वह अपने इस प्रस्तावित कार्यक्रम को वापस ले लेंगे। नीतीश कुमार की सरकार पर शिक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने अपने आरोपों के संदर्भ में कई तथ्य प्रस्तुत करते हुए चुनौती दी कि यदि उनके तथ्यों में कुछ भी गलत साबित हुआ तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

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